-
दुनिया
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
आयुष्मान घोटाला दो महीने पहले शुरू हो सकती थी जांच, पढ़िये कहां दबी रही फाइल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट आयुष्मान भारत को मध्य प्रदेश में अस्पतालों के लिए रुपयों की खदान बनाने में जुटे लोगों की जांच आज से करीब दो महीने पहले ही शुरू हो सकती थी लेकिन लोकायुक्त संगठन की विशेष पुलिस स्थापना द्वारा शिकायत पर प्रारंभिक कार्रवाई के बाद मामला शांत हो गया। विशेष पुलिस स्थापना जिसे आमचलन में लोकायुक्त पुलिस भी कहा जाता है, लोकायुक्त संगठन ने जांच सौंपने से रोक दिया गया। आपको बताने जा रहे हैं कि आयुष्मान भारत घोटाले की जांच के बाद लोकायुक्त संगठन-लोकायुक्त पुलिस के बीच किस तरह चला शीतयुद्ध।
आयुष्मान भारत में सरकारी अस्पतालों के अलावा इम्पैनल्ड निजी अस्पातलों में पात्र परिवारों के सदस्यों को पांच लाख तक के इलाज की योजना है जिसे चार साल हो चुके हैं। मगर मध्य प्रदेश में इस योजना का लाभ लोगों को देने की इस सुविधा में भी दलाल सक्रिय हो गए और लाखों के लेन-देन से योजना में करोड़ों का घोटाला होने लगा। इस खुली लूट को लेकर मध्य प्रदेश लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना में भी शिकायत पहुंची तो प्रारंभिक रूप से उसकी पड़ताल हुई तो शिकायत गंभीर प्रतीत हुई। मगर संगठन के नियम-प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच लोकायुक्त पुलिस सीधे नहीं कर सकती थी और जांच शुरू करने के लिए लोकायुक्त संगठन की अनुमति आवश्यक होती है। इसलिए लोकायुक्त पुलिस ने जांच के लिए शिकायत व उसकी गंभीरता के बारे में टिप्पणी करते हुए अनुमति के लिए फाइल दौड़ाई।
लोकायुक्त पुलिस से जांच नहीं कराने का जवाब, फिर सन्नाटा
लोकायुक्त पुलिस को आयुष्मान भारत घोटाले की शिकायत की जांच के लिए लोकायुक्त संगठन ने मना कर दिया। फाइल को लौटाते हुए लोकायुक्त पुलिस तब जवाब आया कि इसकी जांच उससे नहीं कराई जाएगी। शिकायत की जांच लोकायुक्त पुलिस से नहीं कराने के फैसले के साथ इसमें यह सुनिश्चित नहीं किया गया कि विधि सलाहकार या अन्य किसी से भी इसकी जांच कराई जा रही है।
नौ लाख की दलाली वीडियो से फिर हलचल
अभी कुछ दिन पहले जब एक वीडियो वायरल हुआ तो लोकायुक्त पुलिस ने फिर लोकायुक्त संगठन को याद दिलाकर हलचल पैदा की। लोकायुक्त पुलिस ने याद दिलाया कि दो महीने पहले आपकी तरफ से जिस शिकायत की जांच उसे देने से इनकार कर दिया था, उसका एक वीडियो वायरल हुआ है और एक समाचार पत्र में खबर भी प्रकाशित हुई है। लोकायुक्त पुलिस के इस कदम के बाद शिकायत की जांच पर फिर हलचल शुरू हुई लेकिन उसके साथ लोकायुक्त पुलिस पर इसके बदले गाज गिरी और आला अधिकारियों को हटा दिया गया।
वायरल वीडियो चर्चा में आयुष्मान लेन-देन यह है मामला
गौरतलब है कि वायरल वीडियो एक कार में चार लोगों के बीच बातचीत का था। इसमें कार की पिछली सीट पर बैठे दो युवकों द्वारा किसी भाभी की नाराजगी का जिक्र किया जा रहा था क्योंकि अगली सीट पर बैठी एक महिला व एक अन्य व्यक्ति की आवाज में दस लाख की जगह नौ लाख रुपए की राशि स्वीकारने का आग्रह किया जा रहा था। अगली सीट पर बैठे दो लोगों में एक महिला व एक पुरुष की आवाज थी जिन्हें अस्पताल संचालक बताया जा रहा था।
Leave a Reply