गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभाओं के चुनाव नतीजों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को एक-एक राज्य में मिली हार के बावजूद खुशी मनाने का मौका दिया। गुजरात की जीत ने भाजपा को हिमाचल प्रदेश में एकबार फिर सरकार नहीं बन पाने का दुख दूर कर दिया है तो गुजरात में चारों खाने चित होने का दुख कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश में बहुमत के आंकड़े के साथ सरकार बनाने का मौका मिलने से कोसों दूर चला गया है। गुजरात में भले ही कांग्रेस और हिमाचल प्रदेश में भाजपा के नेताओं के चेहरे मायूस होंगे लेकिन मध्य प्रदेश में इन दोनों ही राजनीतिक दलों के नेताओं में खुशी की लहर है। वे मिठाई खिलाकर बधाइयां बांट रहे हैं।
गुजरात में कांग्रेस 77 सीटों से 17 पर आ गई है लेकिन भाजपा रिकॉर्ड बनाते हुए लगातार सातवीं बार न केवल सत्ता में आई बल्कि उसने रिकॉर्ड 156 सीटों के आंकड़ों के साथ विजयी हासिल की है। कांग्रेस ने गुजरात में एकतरह भाजपा को वॉकओवर दे दिया क्योंकि वहां प्रत्याशी चयन से लेकर चुनाव प्रचार तक में कोई जोश या मशक्कत का परिचय नहीं दिया। कांग्रेस यहां दस साल से भी कम राजनीतिक अनुभव की आम आदमी पार्टी के बराबर खड़ी नजर आ रही है। गुजरात में भाजपा को प्रचंड बहुमत का पूरे देश में जश्न मनाया जा रहा है और मध्य प्रदेश भी इससे अछूता नहीं है। यहां प्रदेश भाजपा कार्यालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पहुंचकर नेताओं को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया।
हिमाचल प्रदेश ने कांग्रेस का दुख किया काम
वहीं, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को बहुमत के आंकड़े से ज्यादा सीटें हासिल की हैं और यहां 68 में से 40 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। हिमाचल प्रदेश में बहुमत मिलने के बाद भी कांग्रेस ने अपने नवनिर्वाचित विधायकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजकर सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी है। गुजरात में शर्मनाक हार से हुए कांग्रेसजनों के दुख को हिमाचल प्रदेश में सरकार बनने का मौका मिलने से कम हुआ है। यही वजह है कि मध्य प्रदेश में प्रदेश कार्यालय के सामने नेता व कार्यकर्ता खुशी का इजहार करते हुए दिखाई दिए। मिठाई बांटी गई तो आतिशबाजी भी हुई।
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