मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को एकसाल भी नहीं बचा है और ऐसे मौके पर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के 12 दिन से कांग्रेस के बड़े-छोटे नेता सड़क पर दिखाई दिए हैं। राहुल गांधी की यात्रा से जुड़ने के बहाने प्रदेशभर में उप यात्राओं के माध्यम से नेता सड़क पर उतरे और भारत जोड़ो यात्रा के 380 किलोमीटर के रास्ते में जगह-जगह मिले तो कांग्रेस की मध्य प्रदेश में मौजूदगी दिखाई दी। वहीं, दूसरी तरफ सत्ताधारी दल भाजपा ने इस यात्रा को पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, कन्हैया कुमार-स्वरा भास्कर के नाम पर विवादों में घेरा गया जिसे कांग्रेस की तरफ से तूल देने से बचा गया।
भारत जोड़ो यात्रा ने मध्य प्रदेश में 23 नवंबर को बुरहानपुर से प्रवेश किया था जिसकी आज आगर मालवा जिले की सीमा से विदाई हुई। यात्रा राजस्थान में पहुंच गई है। मध्य प्रदेश में 12 दिन यात्रा रही है जो 382 किलोमीटर सड़कों पर चली और सात जिलों से सीधे जुड़ी। इस यात्रा ने कांग्रेस के बड़े और छोटे नेताओं को जमीनी हकीकत से रूबरू होने का मौका दिया है क्योंकि प्रदेश भर से कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता समूह के रूप में उप यात्राओं से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने निकले। ये पैदल चलकर 50-100 से लेकर 400-500 किलोमीटर तक की यात्रा करते हुए अपने जिले-ब्लॉक से यात्रा के स्थान तक पहुंचे थे। उनकी उपयात्राओं के लिए जगह-जगह पड़ाव रहे जिससे हर जगह कांग्रेस की मौजूदगी हुई।
बड़े नेता भी एकसाथ दिखाई दिए
कांग्रेस में बड़े नेताओं के एकसाथ होने का अहसास यदा-कदा ही होता है। इस समय कांग्रेस में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ-दिग्विजय सिंह के बीच संबंध 2018 में सरकार बनने के बाद जैसे दिखाई नहीं देते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी जिस तरह करीब दस साल से कांग्रेस में पीछे चले गए थे, इस यात्रा में उनकी राहुल गांधी के साथ आखिरी-आखिरी के दिनों में तस्वीरें दिखाई दीं। इन दिनों बड़े नेताओं को यात्रा में एकसाथ देखकर कांग्रेस के दूसरी लाइन के नेताओं व आम कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली। पूर्व पीसीसी चीफ व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह सहित कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे सभी विधायक व अन्य दिग्गज नेताओं ने यात्रा में कई किलोमीटर पैदल चले।
बेटों को राहुल की नजर में लाने की कोशिशें
कांग्रेस में आज भी राहुल गांधी का वर्चस्व है और उनकी नजर में हर कोई आना चाहता है। मगर यह देखा गया कि प्रदेश कांग्रेस की राजनीति की धुरी कमलनाथ-दिग्विजय सिंह अपने बेटों को उनकी करीब पहुंचाने की कोशिश करते रहे। दिग्विजय सिंह के बेटे विधायक व पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने राहुल गांधी का मंत्रोच्चारण के साथ स्वागत किया तो कमलनाथ के बेटे सांसद नकुल नाथ यात्रा की वायरल तस्वीरों में राहुल गांधी के आसपास ही नजर आए।
आंबेडकर-टंट्या मामा को याद करने के बाद ज्योतिर्लिंग भी पहुंचे
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में फूंक फूंक कर कदम उठाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इस बार जहां अनुसूचित जाति के लोगों के पूज्य बाबा साहब आंबेडकर की जन्मस्थली महू में उनके स्मारक पहुंचा गया तो वहीं मध्य प्रदेश में स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान देने वाले टंट्या मामा को भी याद किया।वे टंट्या मामा के स्मारक भी गए। राहुल गांधी मध्य प्रदेश के दो ज्योतिर्लिंग औंकारेश्वर और महाकालेश्वर भी पहुंचे। उन्होंने बहन प्रियंका व जीजाजी राबर्ट वाड्रा के साथ नर्मदा मैया की आरती भी की।
भाजपा की ओर से हमले होते रहे
यात्रा के शुरू से ही भाजपा हमलावर रही। भारत जोड़ो यात्रा को भारत तोड़ो यात्रा नाम देने की कोशिश की गई। यात्रा में किसी व्यक्ति द्वारा लगाए गए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे पर राजनीति शुरू हुई थी जो भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर के खिलाफ छत्तीसगढ़ में एफआईआर तक पहुंची। मगर मध्य प्रदेश में भाजपा प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने इसमें कांग्रेस के मीडिया विभाग के पीयूष बवेले-आईटी विभाग के अभय तिवारी के खिलाफ एफआईआर करके पलटवार किया। पुलिस के रोजनामचे में दोनों दलों के नेताओं के नाम दर्ज होने के बाद मामला शांत हो गया। मगर इसके बाद भाजपा ने यात्रा में कन्हैया कुमार, स्वरा भास्कर के शामिल होने पर उंगली उठाई और इन्हें टुकड़े-टुकड़े गैंग बताते हुए कहा कि यात्रा भारत जोड़ो नहीं बल्कि भारत तोड़ो यात्रा है। इसी यात्रा के दौरान 1984 के दिल्ली के सिख दंगे की याद दिलाते हुए कमलनाथ पर हमले भी किए गए और उनके मीडिया समन्वयक सिख नरेंद्र सलूजा की भाजपा में एंट्री से कांग्रेस को सिखों के खिलाफ बताने की कोशिश की गई। राहुल गांधी के संस्कारों को लेकर भी भाजपा ने हमले करने के प्रयास किए और उनके वयोवृद्ध नेता पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को कमल व जयराम संबोधन वाले वीडियो वायरल किए गए।
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