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इंदौर में टंट्या मामा की प्रतिमा और चौराहा बना, आदिवासियों के बीच सीएम

आदिवासी समुदाय के टंट्या मामा को शिवराज सरकार ने पहचान देने के लिए इंदौर में उनकी प्रतिमा का लोकार्पण किया और उनके नाम पर इंदौर में एक चौराहे की भी पहचान दी। नेहरू स्टेडियम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने एक कार्यक्रम में प्रतिमा का लोकार्पण किया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान टंट्या मामा चौराहे का ऐलान किया।
इंदौर में सीएम ने टंट्या मामा के स्वतंत्रता में योगदान को याद करते हुए कहा कि पुरानी सरकारों ने न केवल टंट्या मामा बल्कि भीमा नायक, रघुनाथ शाह-शंकर शाह, रानी कमलापति व बिरसा भगवान जैसे नायकों को पहचान नहीं दी। उनकी प्रतिमाएं बड़े शहरों में नहीं लगाईं। कांग्रेस पर हमला करते हुए चौहान ने कहा कि सिर्फ एक ही परिवार की प्रतिमाएं लगती रहीं। उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम केवल कार्यक्रम नहीं बल्कि सामाजिक और आर्थिक क्रांति का शंखनाद है। यह गरीब जनता की जिंदगी में बदलाव लाएगा।
सीएम ने खुद को पेसा एक्ट के नियमों के मास्टर ट्रेनर बताया
सीएम शिवराज सिंह ने खुद को पेसा एक्ट के नियमों का मास्टर ट्रेनर बताया और कहा कि वे अब जहां भी जाते हैं, वहां पेसा के बारे में बताते हैं। जिन्हें इसका लाभ लेना है जब तक उन्हें इसके नए नियमों के बारे में बताया नहीं जाएगा तो वे लाभ कैसे लेंगे। इसलिए वे पेसा के बारे में बता रहे हैं और ट्रेंड कर रहे हैं। पेसा को आदिवासियों की जिंदगी बदलने का महाभियान बताते हुए चौहान ने कहा कि इससे सबको काम मिलेगा व जमीन को बदल देंगे।
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