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राहुल गांधी ने कहा भारत जोड़ो यात्रा के लिए अब सबसे अच्छा समय, हर चीज समय से ही होती

राहुल गांधी ने कहा कि हर चीज का समय होता है। भारत जोड़ो यात्रा के लिए अब सबसे अच्छा समय है। किसी भी बात के लिए समय होता है और तभी बात बनती है, उससे पहले कुछ नहीं होता। जब वे 25-26 साल के थे तब से यह सोचा था और अभी एक साल से इसकी योजना बना रहे थे लेकिन कोरोना औऱ अन्य कारणों से इसका समय नहीं आया था।
राहुल गांधी ने यह बात इंदौर में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 28 नवम्बर 2018 को मध्य प्रदेश में हुए चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी। उन्होंने कहा आज भारत जोड़ो यात्रा को समर्थन मिला है और आगे के राज्यों में भी इसे बरकरार रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि वे आंकड़ों में विश्वास नहीं करते हैं और ये किसी चीज का आधार नहीं बनते। राहुल ने अपनी यात्रा के कन्याकुमारी से मध्य प्रदेश तक की कामयाबी पर कहा कि इसे जनता का प्यार, भरोसा मिला है और यह शक्ति उन्हें मिली है।
सफलता पर सवाल के जवाब मिलते गए
राहुल गांधी ने कहा कि जैसे जैसे यात्रा आगे बढ़ रही है, उसकी सफलता को लेकर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। जब यात्रा शुरु हुई थी, तो मीडिया ने कहा था कि केरल में तो यात्रा सक्सेसफुल रहेगी, मगर कर्नाटक में प्रॉब्लम आएगी। फिर हम कर्नाटक गए तो मीडिया ने कहा, साउथ इंडिया में तो यात्रा अच्छी चलेगी, मगर साउथ से निकलने में प्रॉब्लम होगा, फिर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में वही हुआ, जो कर्नाटक में हुआ, फिर हम महाराष्ट्र में आए, तो फिर मीडिया ने कहा, हिंदी बेल्ट में प्रॉब्लम होगी, महाराष्ट्र में यात्रा बहुत बढ़िया, अब मध्य प्रदेश में आए, अब मीडिया कह रही है, मध्य प्रदेश में बहुत अच्छा रेस्पॉन्स मिला, लेकिन राजस्थान में प्रॉब्लम होगी। तो देखते जाइए, क्योंकि ये जो यात्रा है, ये कांग्रेस पार्टी से अब आगे निकल गई है। राहुल ने कहा कि ये यात्रा हिंदुस्तान की जो समस्या है, हिंदुस्तान के दिल में, हिंदुस्तान की आत्मा में जो आवाज है, अब ये यात्रा उसको उठा रही है, तो ये कहाँ पहुंचेगी, कहाँ नहीं पहुंचेगी, अब कोई नहीं बोल सकता है।
राजनीतिक मुद्दे को यात्रा में नहीं उठाना चाह रहे राहुल
ईडब्ल्यूएस आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में राहुल गांधी ने कहा कि इस यात्रा के क्लियर लक्ष्य हैं, मैं इस यात्रा को डिस्ट्रैक्ट नहीं करना चाहता। इस यात्रा के पीछे सोच है, सबसे पहले जो हिंदुस्तान में नफरत, हिंसा और डर फैलाया जा रहा है, उसके सामने खड़े हुए हैं और इसका सेन्ट्रल आईडिया कि जनता की आवाज को सुनना सबसे जरुरी चीज है, उसके बाद जो देश में बेरोजगारी है और ये यात्रा बेरोजगारी के खिलाफ और जो महंगाई बढ़ रही है, उसके खिलाफ है। मैं ज्यादा पॉलिटिकल मुद्दे इस यात्रा में नहीं उठाना चाहता हूँ और इस यात्रा को मैं डायवर्ट नहीं करना चाहता हूँ औऱ जो जनता कह रही है और जो फीडबैक हमें मिल रहा है, उसके बारे में हम आपसे जरुर बात कर रहे हैं।
आरएसएस के लोग भी यात्रा में आना चाह रहेः राहुल
एक अन्य प्रश्न पर कि भारत जोड़ो यात्रा में क्या गैर राजनीतिक लोग जुड़ रहे हैं, क्या कहेंगे, राहुल गांधी ने कहा कि आज एक मैं आपको बात बताऊँ, आज एक आरएसएस के व्यक्ति आए। मुझे उन्होंने कहा, मैं आरएसएस का हूँ, मैं यहाँ आज आपका स्वागत करने आया हूँ, मैंने कहा आइए। एक अन्य प्रश्न पर कि इस यात्रा को जिस प्रकार से समर्थन मिल रहा है, इससे क्या आपको लगता है कि एक मजबूत प्रतिपक्ष की तरफ आप बढ़ेंगे, राहुल गांधी ने कहा कि मेरे साइड से ये मेरे जिम्मेदारी है और एक तरह से मेरी तपस्या है। जो तपस्या करता है, वो किसी कारण से तपस्या नहीं करता है कि मैं ये चाहता हूँ, मैं वो चाहता हूँ, या वो चाहता हूँ (इशारा करते हुए कहा), मुझे कोई इंट्रैस्ट नहीं है। मुझे लगा कि इस देश में जो नफरत और हिंसा फैलाई जा रही है, वो इस देश के लिए खतरनाक है। इस देश को नुकसान पहुंचाएगी और मैंने सोचा कि मेरी जिम्मेदारी क्या है? मेरे दिमाग में आया कि मैं इस नफरत के खिलाफ, हिंसा के खिलाफ, डर के खिलाफ कुछ करूँ।
ये जो आप देख रहे हैं, ये जो भारत जोड़ो यात्रा है, वो ये है और ये भावना सिर्फ मेरे में नहीं है, ये भावना बहुत सारे लोगों में है। कांग्रेसियों में हैं, नॉन कांग्रेसियों में है औऱ बीजेपी के लोगों में भी है। बहुत सारे बीजेपी के लोग भी सोचते हैं कि जो देश में हो रहा है, वो सही नहीं हो रहा है।
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