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नवोदय विद्यालय भर्ती घोटालाः अंकों की हेराफेरी करने वाले क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के पूर्व डीन-प्रोफेसर को सजा

नवोदय विद्यालय में दस साल पहले हुई भर्ती में घोटाला सामने आने के बाद सीबीआई में दर्ज मामले का न्यायालय ने फैसला सुनाया है। इसमें भर्ती के लिए गठित साक्षात्कार बोर्ड के चेयरपर्सन क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान के तत्कालीन प्रोफेसर और डीन रहे शेख आदम शफी को अदालत ने दोषी पाया है। उन्हें पांच साल के कठोर कारावास और 41 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। इस भर्ती के प्रभारी रहे क्षेत्रीय कार्यालय के तत्कालीन उपायुक्त डॉ. मोहम्मद कलीम की अदालत में प्रकरण की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई।
नवोदय विद्यालय समिति के मुख्यालय के निर्देश पर क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल द्वारा विभिन्न विषयों- शारीरिक शिक्षक(पुरुष) ,शारीरिक शिक्षक (महिला),संगीत,पुस्तकालय व कला के लिए शिक्षकों के पदों पर भर्ती की जानी थी। इसके लिए रोजगार समाचार पत्र ( 24-30 मार्च 2012) में विज्ञापन जारी किया गया। विज्ञापन के अनुसार भर्ती लिखित परीक्षा व साक्षात्कार के अन्को के आधार पर होनी थी।नवोदय विद्यालय समिति की ओर से लिखित परीक्षा का कार्य यूआईएएमएस, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ को सौंपा गया। इस सम्पूर्ण भर्ती प्रक्रिया का प्रभार, क्षेत्रीय कार्यालय के उप आयुक्त आरोपी डॉ. मोहम्मद कलीम के पास था। लिखित परीक्षा के उपरान्त नवोदय विद्यालय समिति के क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल में 22 जुलाई 2013 से 30 जुलाई 2013 तक साक्षात्कार आयोजित हुए। साक्षात्कार के लिए दो बोर्ड बनाए गए थे। साक्षात्कार के बाद अन्तिम परीक्षा परिणाम जारी हुआ,तथा चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए नियुक्ति पत्र जारी हो गए।
31 जनवरी 2014 को जब आरोपी डॉ मोहम्मद कलीम सेवानिवृत्त हुए। उन्होनें पद का प्रभार एवाई रेड्डी को सौंपा। इसी अनुक्रम में डॉ कलीम ने शिक्षक भर्ती से संबंधित दस्तावेजों को भी रेड्डी को सौंपा। दस्तावेजों के आदान-प्रदान के दौरान उजागर हुआ कि साक्षात्कार बोर्ड के द्वारा अभ्यार्थियों को जो अन्क प्रदान किए गए थे, उनसे सम्बंधित समेकित अन्क सूची में कूटरचना करके काट-छान्ट की गई है / बदल दी गई है ।
सीबीआई में 2014 में शिकायत औऱ एफआईआर
नवोदय विद्यालय समिति, मुख्यालय- नोयडा (उत्तर प्रदेश) के उप आयुक्त व मुख्य सतर्कता अधिकारी जी अरूमुगम के द्वारा सीबीआई, एसीबी भोपाल में एक शिकायत 27 अगस्त 2014 को प्रस्तुत की गई थी। इस शिकायत पर सीबीआई एसीबी भोपाल के द्वारा आरोपी डॉ मोहम्मद कलीम के विरूद्ध धारा 420, 467, 468, 471 भारतीय दण्ड संहिता1860 व धारा 13(2)सहपठित धारा 13(1)(डी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 पन्जीबद किया गया।
विवेचना में यह सामने आया
सीबीआई ने एफआईआर की जांच में यह पाया गया कि आरोपी डॉ मोहम्मद कलीम व साक्षात्कार बोर्ड-1 के चेयरपर्सन आरोपी प्रोफेसर शेख अदम शफी(एस.ए.शफी) ने आपराधिक षडयंत्र किया। उस आपराधिक षडयंत्र की अनुपालना में आरोपीगण ने अपने पद का दुरुपयोग कर छलकारित करने के उद्देश्य से साक्षात्कार बोर्ड-1 व साक्षात्कार बोर्ड-2 द्वारा तैयार समेकित अन्क सूचियो में, कई अभ्यर्थियों के अन्को में काट- छान्ट कर उन्हें बढाते हुए और कई अभ्यर्थियों को जो साक्षात्कार में अनुपस्थित थे उनको उपस्थित दर्शाकर अन्क प्रदान करते हुए कूटरचना की गई। साक्षात्कार के लिए कुल 6 पैरामीटर( Communication Skill ,Teaching Ability, Personality and general awareness, Subject Knowledge , Experience in government residential system) 60 अन्क निर्धारित थे। प्रत्येक पैरामीटर 10 अन्को का था।
साक्षात्कार बोर्ड ने ऐसे की गड़बड़़ी
अनुसन्धान में यह पाया गया कि “Experience in government residential system ” के लिए जो 10 अन्क निर्धारित थे, वो प्रत्येक 1वर्ष के अनुभव लिए 1 अन्क प्रदान किया जाना था। साक्षात्कार के दौरान जिन अभ्यर्थियों के पास इस पैरामीटर का अनुभव नहीं था, उनको इस पैरामीटर के लिए निर्धारित 10 अन्को में से कोई अन्क नहीं दिया गया था। साक्षात्कार बोर्ड ने ऐसे अभ्यर्थियों को शेष 50 अन्को में से ही अन्क प्रदान किए थे।इस प्रकार जिन अभ्यार्थियों के पास इस पैरामीटर का अनुभव नहीं था उन्हें 50 अन्को से उपर अन्क दिए ही नहीं गए थे। आरोपीगण ने साक्षात्कार बोर्ड द्वारा तैयार समेकित अन्क सूचियों में कूटरचना कर कई अभ्यर्थियों को सदोष लाभ पहुंचाने के लिए उनके अन्को में वृद्धि की तथा उनके 50 से 60 के बीच अन्क कर दिए ,जिससे उन अभ्यर्थियों का अन्तिम रूप से चयन हो गया। इसका परिणाम यह भी हुआ जो अभ्यर्थियों स्वाभाविक रूप से चयनित हो रहे थे,वो चयनित नहीं हो सके।
भर्तों की संख्या 21 बढ़ाकर नियुक्ति पत्र जारी
तत्पश्चात आरोपीगण ने कूटरचित समेकित अन्क सूचियों को असली के रूप में काम में लाते हुए यूआईएएमएस, पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ को भेजा, जिसके आधार पर अन्तिम परीक्षा परिणाम जारी हुआ। इसी प्रकार अनुसन्धान में यह भी पाया कि आरोपी डॉ मोहम्मद कलीम ने भर्ती के पदों की संख्या, 61 के विरूद्घ 82 पदों के लिए साक्षात्कार लेकर, 82 पदों केलिए नियुक्ति पत्र जारी कर दिए।
अलग-अलग धाराओं में यह हुई सजा
शफी विरूद्घ धारा 120 बी भारतीय दण्ड संहिता के आरोप हेतु 2 वर्ष के कठोर कारावास , 3,000 रुपए का जुर्माना। जुर्माना अदा न करने की दशा में 3 माह के साधारण कारावास की। धारा 420 सहपठित धारा 120 बी भारतीय दण्ड संहिता के आरोप हेतु 4 वर्ष के कठोर कारावास , 10,000 रुपए का जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने की दशा में 6 माह के साधारण कारावास की। धारा 467 सहपठित धारा 120 बी भारतीय दण्ड संहिता के आरोप हेतु 5 वर्ष के कठोर कारावास , 15,000 रुपए का जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने की दशा में 1वर्ष के साधारण कारावास की। धारा 468 सहपठित धारा 120 बी भारतीय दण्ड संहिता के आरोप हेतु 3 वर्ष के कठोर कारावास, 5,000 रुपए का/जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने की दशा में 4 माह के साधारण कारावास की। धारा 471 सहपठित धारा 120 बी भारतीय दण्ड संहिता के आरोप हेतु 2 वर्ष के कठोर कारावास, 3,000 रुपए का जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने की दशा में 3 माह के साधारण कारावास की। धारा 109 भारतीय दण्ड संहिता सहपठित धारा 13(2)सहपठित 13(1)(डी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के आरोप हेतु 3 वर्ष के कठोर कारावास , 5,000 रुपए का जुर्माना तथा जुर्माना अदा न करने की दशा में 3 माह के साधारण कारावास की सजा सुनाई।
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