आर्थिक रूप से कमजोर गरीब सामान्य वर्ग के लोगों को अब दस फीसदी आरक्षण की पात्रता होगी। इसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने बहुमत से इसे संवैधानिक करार दिया और इसे संंविधान की मंशा के अनुरूप बताया।
सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बैंच में इसको लेकर आज फैसला होना था और सुबह से ही सबकी निगाहें इस फैसले पर टिकी थीं। पांच जजों में से चार जजों ने सामान्य वर्ग के गरीबों आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए दस फीसदी आरक्षण को सही करार दिया। इस तरह संविधान के 103वें संशोधन को वैध करार दिया गया। इस फैसले में दो जज तीनअन्य साथी जजों की राय से सहमत नहीं दिखे। बहुमत के आधार पर पांच जजों की बैंच ने इसे बहुमत के आधार पर संविधान की मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं मानते हुए सही करार दिया है।
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