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ईं-टेंडर घोटाले की कंपनी से जुड़े रिटायर्ड आईएएस जुलानिया के तार, लोकायुक्त में जांच शुरू

ईमानदार छवि के रूप में प्रचारित मध्य प्रदेश के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया के तार ई-टेंडर घोटाले की एक कंपनी से जुड़े हैं। ई-टेंडर घोटाले से जुड़ी कंपनी से संबद्ध एक व्यक्ति और उसके परिजनों के बैंक खातों से जुलानिया को करीब एक करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर होने के साक्ष्यों के साथ लोकायुक्त संगठन में शिकायत की गई है। अब लोकायुक्त संगठन के विधि अधिकारी ने इसमें जांच शुरू कर दी है।
बताया जाता है कि भोपाल के कोटरा सुल्तानाबाद के नेमीचंद जैन ने लोकायुक्त में पिछले दिनों एक शिकायत की थी। इसमें यह आरोप लगाया कि रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राधेश्याम जुलानिया पर ई-टेंडर घोटाले से जुड़ी कंपनी मेंटाना से संबद्ध आदित्य त्रिपाठी और उसके परिजनों माता उषा और पिता श्याम त्रिपाठी के खातों से जुलानिया को कई बार राशि ट्रांसफर की गई। इसमें कहा गया जो राशि ट्रांसफर की गई वह रिश्वत के रूप में दी गई और 99 लाख 50 हजार रुपए की राशि से साक्ष्य भी शिकायतकर्ता जैन ने अपनी शिकायत में खाता नंबर के साथ दिए हैं।
बैंक खाते में ट्रांसफर हुई राशि
लोकायुक्त को की गई शिकायत में बताया गया कि 18 सितंबर 2018 को आदित्य की मां उषा त्रिपाठी के एसबीआई के खाते से 90 लाख रुपए पिता श्याम त्रिपाठी के खाते में 40 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे। उसी दिन श्याम त्रिपाठी के खाते में से 40 लाख रुपए राधेश्याम जुलानिया के एसबीआई खाते में ट्रांसफर किए गए। अर्नी इंफ्रा के पंजाब नेशनल बैंक खाते से आदित्य त्रिपाठी के पिता और माता के संयुक्त खाते में 11 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए। इसके बाद 29 अक्टूबर 2018 को इस संयुक्त खाते में से आदित्य के पिता के एसबीआई खाते में 10 लाख ट्रांसफर किए गए और इसी दिन इतनी ही राशि पिता के खाते से जुलानिया के खाते में स्थानांतरित की गई। अर्नी इंफ्रा के पीएनबी खाते से 17 दिसंबर 2018 को 52 लाख रुपए आदित्य के एसबीआई खाते में ट्रांसफर हुए और इतनी ही राशि उसी दिन आदित्य के माता-पिता के एसबीआई के संयुक्त खाते में उसके खाते से ट्रांसफर भी कर दी गई। 17 दिसंबर 2018 को ही उषा-श्याम त्रिपाठी के संयुक्त खाते से 50 लाख रुपए श्याम त्रिपाठी के एसबीआई खाते में ट्रांसफर हुए और उसी दिन श्याम के खाते में से 49.50 लाख रुपए राधेश्याम जुलानिया के खाते में ट्रांसफर किए गए।
प्लाट खरीदी के ट्रांजेक्शन
लोकायुक्त संगठन को की गई शिकायत में पूर्व आईएएस जुलानिया द्वारा 21 दिसंबर 2018 को बरखेड़ी खुर्द में खरीदे गए एक भूखंड को भी इस लेन-देन से जोड़ा गया है। करीब 1087 वर्गमीटर के भूखंड खरीदने के लिए 49 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया गया जिसके बारे में यह आरोप लगाया कि श्याम त्रिपाठी से मिली राशि से ही इस यह भुगतान हुआ।
जानिये अर्नी इंफ्रा और मेंटाना कंपनियों का बैकग्राउंड
लोकायुक्त संगठन में हुई शिकायत में अर्नी इंफ्रां और मेंटाना कंपनियों का बैकग्राउंड भी बताया गया है। प्रवर्तन निदेशालय की प्रेस रिलीज का हवाला देते हुए शिकायत में बताया गया कि अर्नी इंफ्रा के आदित्य त्रिपाठी और मेंटाना कंपनी श्रीनिवास राजू की गिरफ्तारी हुई है। आदित्य त्रिपाठी मेंटाना कंपनी के लिए काम करता है।
मेंटाना कंपनी का मध्य प्रदेश कनेक्शन
ईं-टेंडर में टेम्परिंग घोटाला मध्य प्रदेश का चर्चित मामला है जिसमें मेंटाना कंपनी का नाम आया था। मेंटाना कंपनी के अधिकारियों से आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने पूछताछ की भी थी।
जुलानिया परिवार का मेंटाना कंपनी कनेक्शन
लोकायुक्त संगठन में की गई शिकायत में बताया गया है कि जुलानिया की बैटी लावण्य मेंटाना समूह की एसोसिएट कंपनी मोबाइज पैनोरेमा रामूकाका टेक्नालॉजी स्ट्रार्टअप में ढाई साल तक काम कर चुकी है। वह ब्रांड एनालिसिस स्ट्रेटेजी मैनेजर थी।
जल संसाधन में टेंडर मेंटाना कंपनी और फिर प्रतिबंध
शिकायत में कहा गया है कि 22 अगस्त 2016 के पहले करीब पांच साल तक जल संसाधन विभाग में राधेश्याम जुलानिया की पोस्टिंग रही और मेंटाना कंपनी को टेंडर ज्यादा मिलते रहे। उनके बाद वहां पदस्थ किए गए पंकज अग्रवाल ने मेंटाना कंपनी को तीन साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। मगर यह प्रतिबंध ज्यादा समय नहीं चला क्योंकि जुलानिया को 22 नवंबर 2017 को दोबारा जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी दे दी गई। इसके कुछ दिन बाद पांच फरवरी 2018 को प्रतिबंध समाप्त कर दिया गया। लोकायुक्त की विशेष पुलिस स्थापना सूत्रों ने इस मामले की पुष्टि की है और बताया है कि अभी लोकायुक्त संगठन स्तर पर जांच चल रही है। अभी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
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