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लोकायुक्त पुलिस में IFS सत्यानंद के खिलाफ FIR , उद्यानिकी संचालक रहते की धोखाधड़ी

अखिल भारतीय वन सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सत्यानंद के खिलाफ केंद्र सरकार की उद्यानिकी संबंधी योजनाओं में अनियमितता करने पर लोकायुक्त पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में सत्यानंद सहित उद्यानिकी विभाग के उप संचालक, आठ ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी और छह कंपनियों के प्रमुखों पर भी धोखाधड़ी और अन्य धाराओं के तहत अपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हुआ है। उल्लेखनीय है कि गौरव चौधरी, अजय यादव जैसे कुछ अन्य आईएफएस अधिकारियों के खिलाफ भी लोकायुक्त पुलिस में मामले हैं लेकिन विभागों द्वारा दस्तावेज उपलब्ध कराने में टालमटोल किए जाने से उनमें कार्रवाई में देरी हो रही है।
लोकायुक्त पुलिस की उज्जैन इकाई ने आईएफएस अधिकारी सत्यानंद सहित उप संचालक उद्यानिकी मनीष चौहान, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारीगण पप्पूलाल पाटीदार, सुरेश सिंह धाकड़ और दिनेश पाटीदार (मंदसौर), राजेश जाटव (मल्हारगढ़), बनवारी वर्मा (सीतामऊ), राजेश मईडा (गरोठ), सत्यन मंडलोई (भानपुरा) सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ धारा 409, 420 व 120 बी में अपराध दर्ज किया है। इन आरोपियों के साथ ही कुछ निजी लोगों गुजरात के आणंद के सुरेश मणिभाई पटेल, गुजरात के खेड़ा के मिहिर पंड्या व मंगलन शिवदासन, छत्तीसगढ़ दुर्ग के प्रवीण भाई व मितुलभाई पटेल और पीथमपुर धार के शिवसिंह मेहता के खिलाफ भी यह मामला बनाया गया है।
एक ही परिवार के कई सदस्यों के नाम पर योजना का लाभ
आईएफएस अधिकारी सत्यानंद और उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने निजी लोगों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ देने में मनमानी और अऩियमितता की। उद्यानिकी विभाग के मंदसौर के अधिकारियों ने कृषि यंत्र प्रदाता कंपनियों और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में अनार पौधा और ड्रिप इरीगेशन कंपनियों ने द्वारा सांठगांठ व षड़यंत्र कर एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के क्रियान्वयन में नियम विरुद्ध प्रक्रिया अपनाई गई। इसमें अमानक स्तर के कृषि यंत्रों की खरीदी, कृषि यंत्र प्रदाता कंपनियों, अनार पौधा और ड्रिप इरीगेशन वितरण कंपनियों को नियम विरुद्ध तरीके से किसान अनुदान का भुगतान किया गया। अनियमितताओं में एक तथ्य यह भी सामने आया कि सरकारी योजनाओं का लाभ देते समय एक ही परिवार के एक से ज्यादा सदस्यों को लाभ पहुंचाने का काम भी किया गया।
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