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सागर में 1000 करोड़ की सरकारी जमीन जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल, चीफ सेकेट्री को शिकायत

सागर में करीब 1000 करोड़ों रुपए मूल्य की 28 एकड़ शासकीय भूमि की अवैध खरीद-फरोख्त के मामले में जिला प्रशासन की भूमिका पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को शिकायत की गई है। हालांकि यह शिकायत कांग्रेस की स्थानीय नेता रेखा चौधरी ने की है लेकिन जिला प्रशासन की कोर्ट में चल रहे इससे जुड़े मामले में दस्तावेजों को सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किए जाने को आधार बनाया गया है। अदालत के सामने जमीन से जुड़े दस्तावेजों को प्रस्तुत नहीं किए जाने से यह मामला अदालत ने खारिज कर दिया।
प्रदेश के मुख्य सचिव को भेजे पत्र में रेखा चौधरी ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कतिपय कॉलोनाइजर समूह द्वारा सागर के खुरई रोड स्थित शासन की 28 एकड़ नजूल भूमि को तत्कालीन प्रशासन की मिलीभगत से अवैध खरीद बिक्री की गई है. इस जमीन की वर्तमान बाजारू कीमत 1000 करोड़ रुपए से भी अधिक है. लेकिन इस बेशकीमती सरकारी (नजूल) जमीन की ओने पौने दाम में अवैध रूप से खरीद बिक्री की गई है.
रेखा चौधरी ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि सरकारी जमीन के अवैध कारोबार के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला न्यायालय में प्रकरण प्रचलित किया गया था. लेकिन जिला प्रशासन ने भूमि के कारोबारियों से सांठगांठ कर न्यायालयीन सुनवाई के दौरान जानबूझकर अपनी अनुपस्थिति रखते हुए चाही गई जानकारी एवं दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए हैं. इसके चलते न्यायालय द्वारा प्रकरण को पिछले दिनों खारिज कर दिया गया है. जिला प्रशासन की इस संदिग्ध भूमिका से जमीन के अवैध सौदागरों को सीधे तौर पर आर्थिक फायदा पहुंचाते हुए सरकारी राजस्व को 1000 करोड़ रुपए से भी अधिक की चपत लगाई गई है.
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