मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में सरकारी डॉक्टर ने एक क्लीनिक में बुलाकर पांच हजार रुपए जिला अस्पातल में इलाज करने को कहा। पैसा लेने के बाद भी सरकारी डॉ़क्टर ने इलाज नहीं किया और दूसरे चिकित्सकों ने महिला के पेट से मृत नवजात को निकाला। पीड़ित दंपति को इसके बाद मृत नवजात गांव तक ले जाने के लिए एंबुलैंस भी नहीं दी गई तो वे बच्चे के शव को बाइक की डिक्की में रखकर कलेक्टर कार्यालय में पहुंच गए। कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने घटना को लेकर बताया है कि पूरे मामले की एसडीएम से जांच कराई जा रही है।
सिंगरौली जिले के बीजपुर गांव की एक महिला को मंगलवार को प्रसव के लिए परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे और ट्रामा सेंटर में बताया गया कि बच्चा पेट में मर गया है। वहां से एक सरकारी डॉक्टर के क्लीनिक पर भेज दिया गया और कहा कि वहां चले जाएं फ्री में इलाज हो जाएगा लेकिन वहां पांच हजार रुपए ले लिए गए। पैसे लेने के बाद कहा गया कि जिला अस्पताल चले जाओ वहां डॉक्टर मैडम इलाज करेंगी। मगर जिन डॉक्टर मैडम ने पैसे लिए थे, उन्होंने इलाज नहीं किया और दूसरे चिकित्सकों ने महिला का प्रसव कराया तो बच्चा मृत निकला। परिजनों ने बच्चे के शव को ले जाने के लिए एंबुलैंस की डिमांड की तो वह नहीं दी गई।
डिक्की में रखकर कलेक्ट्रेट पहुंचे परिजन
जिला अस्पताल से एंबुलैंस नहीं मिलने पर परिजनों ने बच्चे के शव को कपड़े में लपेटकर बाइक की डिक्की में रख लिया और वे कलेक्टर से शिकायत करने कलेक्ट्रेट पहुंच गए। उन्होंने प्रसव के लिए मांगे गए पांच हजार रुपए और एंबुलैंस नहीं मिलने की शिकायत कलेक्टर को की।
जांच एसडीएम को दी है
कलेक्टर मीणा ने इस मामले में खबर सबकी को बताया कि पीड़ित दंपति उत्तर प्रदेश सीमा से लगे ग्राम बीजपुर की है। उन्हें की गई शिकायत में बताया गया है कि महिला के प्रसव को कराने के लिए पांच हजार रुपए लिए गए और उसे प्रायवेट अस्पताल में भेज दिया गया। कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने बताया कि उन्होंने जांच एसडीएम को सौंप दी है और जो भी रिपोर्ट होगी उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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