अमित शाह ने कहा, भाषा के कारण हीनभावना पालने की अब जरूरत नहीं

मध्य प्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में शुरू करने के लिए हिंदी पाठ्यक्रम की पुस्तकों का विमोचन करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अब छात्रों को भाषा के कारण हीनभावना पालने की जरूरत नहीं है। भाजपा ने 2018 में घोषणा पत्र में वादा किया था कि मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढा़ई हिंदी में शुरू की जाएगी तो मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने इसकी शुरुआत कर पार्टी के वादे को पूरा किया है।

शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश में जब चुनाव हो रहा था तब घोषणा पत्र में इसका वादा किया गया था और मोदी की शिक्षा नीति को शिवराज सरकार ने सबसे पहले शुरुआत की। इसके लिए हिंदी प्रकोष्ठ का गठन किया गया। एक सर्वे भी किया गया और बहुत मेहनत के साथ पाठ्यक्रमों की पुस्तकों को आज प्रकाशित किया गया। मध्य प्रदेश ने मोदी की शिक्षा नीति के अनुकूल मेडिकल की हिंदी में पढ़ाई के लिए पाठ्यक्रम की पुस्तकों को तैयार करके देश में सबसे पहले शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि सोचने की प्रक्रिया अपनी मातृभाषा में ही होती है। अफ्रीकी नेता नेलसन मंडेला ने भी कहा था कि किसी से उसकी समझने की भाषा में की जाए तो उसके दिल में वह बात पहुंच जाती है। इसीलिए कई देशों ने शिक्षा की प्रक्रिया भाषा में ही कराई जाती है। अगर पढ़ाई लिखाई मातृभाषा में हमारे यहां पढ़ाई हो तो हमारे लोगों में काफी क्षमता है और वे विश्व में और ज्यादा डंका बजाएंगे। मोदी सरकार ने जीईई नीट और यूजीसी सहित कई अन्य परीक्षाओं को 15 भाषाओं में देने की शुरुआत की है।
आज से नई शुरुआत हुई
अमित शाह ने कहा कि अपनी भाषा में पढ़ाई-लिखाई से नई शुरुआत आई है। भाषा के कारण हीनभावना पालने की जरूरत नहीं है। इसे दूर करने की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेशों में अपना भाषण हिंदी में देकर देशभर के युवाओं के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी हुई है।
टेक्निकल-मेडिकल शिक्षा में परिवर्तन
टेक्निकल एजुकेशन 596 और सीटें 89000 बढ़ाई गई हैं। आईआईटी 16 से 23 तथा विश्वविद्यालय भी 1023 हो गई हैं। आज से नई शुरूआत हुई और राजभाषा विभाग की ओर से बधाई दी है। मोदी ने नई शिक्षा नीति लाई है औऱ इसमें हमारी भाषा को बढ़ावा दिया गया है। इस संकल्प से नई क्षमता की क्रांति आएगी। भाषा को बौद्धिक क्षमता से जोड़ा गया है जो गलत रहा है।
मेडिकल-बाकी विषयों के हिंदी स्टूडेंट की मैरिट लिस्ट अलग बनेगीः शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वे एक मेडिकल स्टूडेंट को जानते हैं और उसने अंग्रेजी के कारण पढ़ाई अधूरी छोड़ दी थी। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को बधाई देना चाहिए। अंग्रेजी के समर्थकों की चुटकी ली और कहा कि तात्या टोपे को टीटी, मोतीलाल नेहरू विज्ञान महाविद्यालय को एमवीएम, गांधी मेडिकल कॉलेज को जीएमसी कर दिया गया। चौहान ने कहा कि इसी साल से छह इंजीनियरिंग और छह पॉलीटेक्निक कॉलेजों में हिंदी में ही पढ़ाई होगी। मेडिकल और बाकी विषयों में हिंदी में पढ़ाई करने वालों की मैरिट लिस्ट अलग से बनाई जाएगी। ऐसे स्टूडेंट्स को कोई नहीं रोक पाएगा।

इतिहास बनने-बदलने का दिनः सारंग
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि आज इतिहास बनने और इतिहास बदलने का दिन है। हिंदी में एमबीबीएस प्रारंभ होने से हिंदी माध्यम के छात्रों को लाफ मिलेगा। हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई का सपना पीएम मोदी की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति और सीएम शिवराज की इच्छशक्ति से पूरा हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today