केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर में होगा इग्नू का अध्ययन केंद्र

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केंद्र भोपाल द्वारा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर में इग्नू का   अध्ययन केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है तथा शीघ्र ही इसे नई दिल्ली भेजा जायेगा। इस अध्ययन केंद्र पर भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित पाठ्यक्रम जैसे संस्कृत, ज्योतिष शास्त्र, वैदिक अध्ययन, वास्तु शास्त्र, वैदिक गणित, संस्कृत सरल बोध सहित अन्य आधुनिक विषय संचालित किये जायेंगे।  

इस सम्बन्ध में इग्नू क्षेत्रीय केंद्र भोपाल एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल के  संयुक्त तत्वाधान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे  डॉ बिनी टॉम्स, क्षेत्रीय निदेशक भोपाल ने बताया की हाल में ही इग्नू एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय  नई दिल्ली के मध्य एक समझौता ज्ञापन हुआ है  जिसके अनुसार इग्नू द्वारा केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के समस्त परिसर में अध्ययन केन्द्र खोलने की बात कही गयी है।  भोपाल परिसर के शिक्षकों से वार्ता करते हुए क्षेत्रीय निदेशक ने कहा की इस MOU से भारतीय ज्ञान परंपरा के  विषयो को दूरस्थ शिक्षा के विद्यार्थियों तक पहुंचने में संस्कृत विश्वविद्यालय के अध्यापकों की सेवाएं ली जाएंगी। संस्कृत विश्विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को इग्नू के अन्य आधुनिक पाठ्यक्रमो को अपने परिसर में ही पढ़ने का अवसर प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त कौशल दक्षता के पाठ्यक्रमों को भोपाल परिसर में पढ़ रहे छात्रों के लिये उपलब्ध कराया जायेगा तथा विद्यार्थियों को BBA, BCA एवं पर्यटन सम्बन्धी रोज़गार परक पाठ्यक्रों को करने के लिये प्रेरित किया जायेगा। संस्कृत माध्यम से अध्यन कर रहे विद्यार्थियों के सुलभता के लिए इग्नू के रोज़गारपरक  पाठ्यक्रमों को संस्कृत में अनुवाद करने की प्रक्रिया भी की जाएगी।    

इस अवसर पर डॉ अंशुमान उपाध्याय , उप निदेशक ने इग्नू की शैक्षिणिक प्रणाली, मूल्यांकन पद्दति एवं दूरस्थ शिक्षा के आयामों को विस्तार से बताते हुए  कहा की संस्कृत विश्विद्यालय में अध्यन केंद्र स्थापित होने से भारतीय ज्ञान परंपरा पढ़ने में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों को यहाँ के शिक्षकों के ज्ञान का लाभ प्राप्त होगा एवं तकनीक के माध्यम से अन्य राज्यो के विद्यार्थियों तक परामर्श सत्रों में जोड़ा जा सकेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत संस्कृत पढ़ रहे छात्रों को भी अध्यन का बहुविकल्पीय  मार्ग प्राप्त होगा और वह आधुनिक विषयो का अध्यन कर अपने ज्ञान को प्रशस्थ कर सकेंगे।  
 
प्रोफेसर रमाकांत पांडेय, निदेशक केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर ने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से संस्कृत एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के सम्बंधित पाठ्यक्रमों को समाज के हर वर्ग तक सरलता से पहुंचने के लिए इग्नू की प्रशंसा करते हुए कहा की यह दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों के संगम से नए ज्ञान का सृजन होगा  तथा दोनों विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को लाभ पहुंचेगा। 
प्रोफेसर पांडेय द्वारा संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से इग्नू अध्ययन केंद्र स्थापित करने के समस्त परिपत्रो को इग्नू क्षेत्रीय निदेशक को प्रदान किया।  दूरस्थ शिक्षा प्रणाली एवं इग्नू संचालित पाठ्यक्रमों से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे गए जिनका उत्तर क्षेत्रीय केंद्र अधिकारियों ने दिया। अंत में प्रोफेसर नीलाभ तिवारी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया.  इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के प्रोफेसर सुबोध शर्मा, प्रोफेसर हंसाधार झा, प्रोफेसर पी वी सुब्रमण्यम,  प्रोफेसर नीलाभ तिवारी समेत अन्य शिक्षक गण मौजूद रहे।  
 

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