मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड, ट्राइबल लिशियश एम.पी और मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय के सहयोग से आइकॉनिक सप्ताह एवं विश्व पर्य़टन दिवस 27 सितंबर को गोंड चित्रकला कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के दौरान पद्मश्री दुर्गाबाई ने गोंड चित्रांकन परंपरा और उनके प्रतीकों के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया और रंग ब्रश के माध्यम से चित्रांकन की कला को सिखाया भी।
कार्यक्रम की शुरूआत में डेक्कन इंटरनेशनल स्कूल, बैंग्लूरु से आये विद्यार्थियों को म.प्र जनजातीय संग्रहालय पर आधारित फिल्म दिखाई गई। इसके बाद विद्यार्थियों ने संग्रहालय की विभिन्न दीर्घाओं, चित्र प्रदर्शनी, चिन्हारी सोविनियर शॉप और पुस्तकालय ‘लिखन्दरा’ का अवलोकन किया।अवलोकन दौरान उन्होंने संग्रहालय की दीर्घाओं एवं उनमें जनजातीय समुदाय की वाचिक और कला परम्परा के बेहतर प्रदर्शन तथा कलात्मक संयोजन को करीब से जाना। अगले सत्र में चित्रकला कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन एवं स्वागत से हुआ।
कार्यक्रम में निदेशक, जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी डॉ. धर्मेंद्र पारे, उप-संचालक म.प्र टूरिज्म बोर्ड श्री युवराज पड़ोले, वरिष्ठ गोंड चित्रकार पद्मश्री सुश्री दुर्गा बाई व्याम, डेक्कन स्कूल की शिक्षिका सुश्री सरायु रामचंद्रन के साथ अन्य अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान पद्मश्री दुर्गाबाई ने गोंड चित्रांकन परंपरा और उनके प्रतीकों के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया और रंग ब्रश के माध्यम से चित्रांकन की कला को सिखाया भी।
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