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तूर्यनादके डोरसे दें तर्क, संगीत व नृत्य का बोलबाला

मैनिट की राजभाषा कार्यान्वयन समिति द्वारा तूर्यनाद ’22 के द्वितीय दिवस संसदीय वाद विवाद, खिचड़ी, नृत्य, गायन और परिधानिका प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ।
‘संसदीय वाद विवाद में रेवड़ी कल्चर पर हुआ पक्ष-विपक्ष का घमासान’ संसदीय वाद विवाद में पक्ष और प्रतिपक्ष का तर्कपूर्ण घमासान हुआ। विषय था, ‘यह सदन चुनावों के दौरान होने वाले ‘मुफ्त’ चुनावी वादों व घोषणाओं की निन्दा करता है।’ इसमें रेवड़ी कल्चर की निंदा करते हुए सरकार ने अपना पक्ष रखा व विपक्ष ने भरपूर प्रतिकार किया। पक्ष ने लगातार ये प्रश्न किया कि जनता को खोखले वादे कर उसको लंगड़ा कर देना कहाँ तक सही है? इससे आत्मनिर्भरता नहीं जनता का नैतिक व देश का आर्थिक और लोकतंत्र का पतन होता है। इसके लिए पक्ष ने ज्वलंत तथ्य प्रस्तुत किए। विपक्ष ने जवाब में मुफ्त वादों को आगे बढ़ने का रास्ता माना और गरीबों को आगे बढ़ाकर उनको अमीरों के बराबर लाने की कोशिश माना। उन्होंने कहा कि यदि छोटे वर्ग के पास आगे बढ़ने को कोई आस भी न होगी तो उनका आगे बढ़ना सपना ही रह जाएगा। इस मामले पर अर्थव्यवस्था पर भी अति विचारणीय बहस हुई। निर्णायकों ने सभी प्रतिभागियों एवं तूर्यनाद की प्रशंसा करते हुए वाद विवाद के लिए महत्वपूर्ण सलाह दी।
पक्ष दल से दिल्ली के रामजस कॉलेज के रोहित कुमार एवं विपक्ष दल से शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय इंदौर के आकाश यादव को सर्वश्रेष्ठ वक्ता घोषित किया गया एवं उनको प्रमाण पत्र एवं नकद पुरस्कार व ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। इस अंतिम राउंड में मैनिट के अलावा सेंट्रल हिन्दू बॉस स्कूल, बनारस तथा सरोजिनी नायडू महाविद्यालय भोपाल से भी प्रतिभागिता हुई। वहाँ उपस्थित सभी दर्शकों ने दोनों दलों की प्रबल दार्शनिक एवं तार्किक शक्ति का लोहा माना।
खिचड़ी में दक्षिण के छत्रों ने मज़े-मज़े में सीखी हिन्दी जिनकी मातृभाषा हिन्दी नहीं हैं – यानि दक्षिण, पूर्वोत्तर व विदेशों के छात्र- छात्राओं के लिए मनोरंजक प्रतियोगिता खिचड़ी का आयोजन हुआ। खिचड़ी प्रतियोगिता ने न सिर्फ हिन्दीतर भाषियों के लिए बल्कि हिन्दी भाषियों के लिए
भी आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया। इस प्रतियोगिता के तहत हिन्दी भाषा में जटिल वर्तनी के शब्दों को उच्चारित करने एवं कुछ रोचक तथा विचारणीय विषय एवं प्रसंगों पर चर्चा करने के लिए कहा गया।
पजल दिखा कर हिन्दी शब्द बनवाए गए, चित्र दिखाकर वाक्य बनवाए गए तथा हिन्दी में 2 मिनट बोलने को कहा गया। साथ ही कुछ कठिन सहब्द (टंग ट्विस्टर) भी बुलवाए गए। विद्यार्थियों का उत्साह देखने लायक था। खिचड़ी की निर्णायिक मैनिट की प्राध्यापिका खेतवात सरिता रहीं। प्रथम पुरस्कार शैक इदरीस खय्यूम, द्वितीय पुरस्कार नेल्लूतला प्रनव को तथा तृतीय पुरस्कार सात्विक तम्मीसेट्टी को दिया गया। सृजन प्रदर्शनी में लगे चित्रों का सौंदर्य अत्यंत मनोरम था। इस प्रतियोगिता के तहत दूर दराज से भेजी गई अत्यंत सजीव कलाकृतियों को देख सभी की आँखें उन पर ही टिकी रह गईं।
परिधानिका – स्वदेशी फैशन शो में एक भारत श्रेष्ठ भारत थीम पर भारतवर्ष की
विभिन्न पोशाकों एवं परिधानों की मोहक प्रस्तुतियाँ हुईं। भारत के तीन राज्यों –
मध्य प्रदेश, नागालैंड और मणिपुर के पारम्परिक परिधानों से भारत की भिन्नता
में भी एकता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत हुआ। इसमें सर्वश्रेष्ठ एकल प्रदर्शन का
पुरस्कार साल्विका को, सर्वश्रेष्ठ समूह प्रदर्शन का पुरस्कार हमीडिया कॉलेज के
दानिश खान एवं समूह को तथा द्वितीय पुरस्कार हिमांशी पाटीदार एवं समूह को
प्राप्त हुआ।
अभिव्यक्ति में गायन तथा नृत्य प्रतियोगिताएं हुईं। अभिव्यक्ति प्रतियोगिता के सुरम्य नृत्य एवं मनमोहक गायन ने हर किसी के ह्रदय को स्पर्श किया। सर्वप्रथम अप्सरा आली की राग ने सभी दर्शकों को मुग्ध कर दिया। तत्पश्चात इंदौर के विक्रम विश्वविद्यालय से आए प्रतिभागियों ने अपनी कला से सबका मन मोह लिया। केरवानी राग ने सभी दर्शकों को ऊर्जा से भर दिया। प्रतियोगिता में अधिकतर प्रस्तुति सांस्कृतिक तथा आज़ादी के अमृत महोत्सव विषयवस्तु पर आधारित थीं। गायन विधा में प्रथम पुरस्कार मैनिट के मल्हार को केरवानी, द्वितीय पुरस्कार विक्रम विश्वविद्यालय की सुभांषी विश्वकर्मा एवं समूह तथा तृतीय पुरस्कार हर्षल चौकीकर एवं समूह को दिया गया।अभिव्यक्ति एकल नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार निखिल रघुवंशी को प्राप्त हुआ जिन्होंने ‘श्री रामचंद्र कृपालु भजमन’ पर मनोरम प्रस्तुति दी। द्वितीय पुरस्कार मैनिट की पलक मकवाना को प्राप्त हुआ जिन्होंने शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी। समूह नृत्य प्रस्तुति में प्रथन तन्मयी गजभिए एवं समूह तथा द्वितीय स्थान सरोजिनी नायडू महिला महाविद्यालय के ऋषिका ठाकुर एवं समूह ने प्राप्त किया।
अंतिम दिन के आयोजन –
आज 18 सितम्बर को निम्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएँगी – प्रातः 9 बजे
अखिल भारतीय नुक्कड़ नाटक, 10 बजे चक्रव्यूह (ट्रेजर हंट) एवं 2 बजे अखुल
भारतीय युवा कवि सम्मलेन। एक ओर जहाँ नुक्कड़ नाटक समाज को झकझोर देने
की क्षमता रखता है वहीं कवि सम्मलेन जीवन में उमंग प्रवाहित करता है।
चक्रव्यूह प्रतियोगिता (ट्रेज़र हंट) से युवाओं में प्रतिवर्ष ऊर्जासंचार होता है।
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