शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती सनातन धर्म के सूर्य थे, झोतेश्वर धाम श्रद्धांजलि देते सीएम ने कहा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के देवलोकगमन के बाद आज नरसिंहपुर के झोतेश्वर धाम में श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्हें धर्म के ध्वजवाहक बताया और कहा कि उन्होंने हमारी संस्कृति और जीवन मूल्यों के पोषक, सन्यासी बताया और कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में भी उनके योगदान पर राजकीय सम्मान के अंतिम संस्कार किया किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान से शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के एक उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से चर्चा भी की।

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने करोड़ों भक्तों को सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने हाल ही में 99 साल की उम्र पूरी की और 100वें साल में प्रवेश किया था। नौ साल की उम्र में घर छोड़कर पूरा जीवन सनातन धर्म के प्रचार, प्रसार में लगा दिया। उन्होंने गरीबों, जनजातियों व दलितों की सेवा के लिए भी कई प्रकल्प खड़े किए। वे विद्वान थे और वेद-उपनिषद, शास्त्रों के ज्ञाता थे।
कई संस्कृत पाठशालाएं स्थापित किए
सीएम चौहान ने कहा कि उन्होंने संस्कृत पाठशालाएं व विद्यालय स्थापित किए और नेत्र चिकित्सालय, अस्पताल बनवाए। उनके ब्रह्मलीन हो जाने से मध्य प्रदेश आज सूना हो गया है। वे सनातन धर्म के सूर्य थे। उन्होंने जो राह दिखाई है उस पर चलने का हम विनम्र प्रयास करेंगे।

सीएम के साथ कई भाजपा नेता भी थे

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झोतेश्वर धाम पहुंचे तो उनके साथ मंत्री भूपेंद्र सिंह, सांसद राव उदयप्रताप सिंह, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्य़क्ष गौरीशंकर बिसेन, विधायक दिनेश राय मुनमुन, अजय विश्नोई भी थे। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदाप्रसाद प्रजापति वहां की व्यवस्थाएं देख रहे थे।

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