शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद का देवलोक गमन, जाने कब मिली थी शंकराचार्य की उपाधि

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपनंदजी सरस्वती महाराज का आज निधन हो गया। वे 98 वर्ष के थे। नौ साल की उम्र में घर छोड़कर धर्म की यात्राएं शुरू कर दी थीं। उऩ्होंने काशी में वेद-शास्त्रों की शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिया था। वे उस दौरान जेल भी गए।

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपनंद सरस्वती महाराज का जन्म दो सितंबर 1924 को जबलपुर के पास दिघोरी गांव में हुआ था। उनके पिता धनपति उपाध्याय और माता गिरिजा देवी थीं। उनका जन्म के बाद घर में पोथीराम उपाध्याय नाम दिया गया। को 1950 में दंडी सन्यासी बनाया गया। शारदा पीठ शंकराचार्य स्वामी ब्रहाानंद सरस्वती से दंड सन्यास की दीक्षा ली। इसमें उन्हें स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती नाम मिला। 1981 में उन्हें शंकराचार्य की उपाधि मिली।

सीएम चौहान, कमलनाथ, दिग्विजय, शर्मा ने जताया दुख

शंकराचार्य के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सांसद वीडी शर्मा ने दुख व्यक्त की है। कमलनाथ ने सोमवार के अपने सभी कार्यक्रमों को निरस्त कर मंगलवार के लिए बढ़ा दिया है। वे सोमवार को शंकराचार्य को श्रद्धांजलि अर्पित करने नरसिंहपुर जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today