चुनाव आयोग द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा की सदस्यता को अयोग्य करार देने के फैसले के बाद आज सोरेन सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत जीत लिया। सीएम सोरेन और उनकी सरकार के पक्ष में 48 मत डाले गए लेकिन प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के बहिष्कार के बीच मत विभाजन में सोरेन सरकार की जीत हुई। भाजपा ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन ने अपने विधायकों के विश्वास को दिखाने के लिए विश्वास प्रस्ताव लाया था क्योंकि उन्हें डर था कि उनके विधायक उनके साथ हैं या नहीं।
लंबे समय से झारखंड में चल रहा राजनीतिक संकट आज सरकार के विश्वास मत हासिल कर लेने के बाद फिलहाल कुछ ठंडा पड़ गया है लेकिन राज्यपाल के अभी सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता पर कोई फैसला नहीं लेने के कारण यह संकट बरकरार है। आज विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विश्वास मत हासिल किया। इसके पूर्व रविवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस विधायकों को विमान से रांची लाया गया था औऱ आज उन्हें एकसाथ विधानसभा में सीएम के प्रवेश द्वार स्थान से सदन के भीतर लाया गया।
विश्वास मत में सोरेन सरकार को 48 वोट हासिल हुए। 81 विधायकों की झारखंड विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30, कांग्रेस के 18, भाजपा के 26 विधायकों के अलावा अन्य राजनीतिक दलों व निर्दलीय विधायक हैं। सोरेन सरकार को झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायकों के साथ कांग्रेस व चार अन्य विधायकों के समर्थन से चल रही है।
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