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मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को कहा वे सरकारी नौकर नहीं, देश-प्रदेश के भविष्य निर्माता

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में नवनियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक सरकारी नौकर नहीं हैं। वे भारत और मध्य प्रदेश के भविष्य के निर्माता हैं। वे बच्चों को न केवल ज्ञान दें बल्कि उन्हें रोजगार और नौकरी पाने लायक शिक्षा भी दें।
शिवराज सिंह चौहान ने शिक्षकों के वर्गों को लेकर तंज कसा औऱ कहा कि शिक्षकों को कई वर्गों में बांट दिया गया है। इस कारण न केवल विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हुआ बल्कि शिक्षा व्यवस्था को भी नुकसान हुआ है। उन्होंने एक प्रसंग सुनाते हुए कहा कि वे सांसद की हैसियत से एक स्कूल में पहुंचे थे और वहां एक बच्चे से जब पूछा की गंगा कहां से निकलती है तो उसने बताया कि विंध्याचल से। चौहान ने कहा कि जब गुरूजी से इस तरह की शिक्षा देने पर सवाल किया तो उनका जवाब था कि 500 रुपए में तो गंगा विंध्याचल से ही निकलेगी।
सीएम चौहान ने कहा कि शिक्षक 10 से पांच बजे की नौकरी की जगह चमत्कार की तरह बच्चों को शिक्षा दें। शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के तीन तरीके हैं, एक समय बिताकर नौकरी करें। दूसरा शासन के निर्देशों का पालन करें। तीसरा बच्चों का भविष्य गढ़ें। कई सरकारी स्कूलों में शिक्षकों द्वारा अच्छा काम किया जा रहा है औऱ बच्चे उनके स्कूल में जाने के लिए लालायित रहते हैं।
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