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NCRB की नेशनल कांफ्रेंस ऑफ स्टेट सायबर नोडल ऑफिसर्स में पीएचक्यू सायबर को दूसरा स्थान

मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय की सायबर शाखा को दिल्ली में राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो द्वारा आयोजित दूसरा नेशनल क्राँफ्रेंस ऑफ स्टेट सायबर नोडल ऑफिसर्स में देश में दूसरा स्थान मिला है। यह आयोजन दिल्ली में 31 अगस्त को हुआ था और इसमें सायबर क्राइम के 100 ज्यादा मामलों की केस स्टडी के माध्यम से प्रविष्टियां पहुंची थीं।
नेशनल क्राँफ्रेंस ऑफ स्टेट सायबर नोडल ऑफिसर्स कार्यक्रम में भारत के समस्त राज्यों से प्रतिभागी सम्मिलित हुए। 100 से ज्यादा सायबर क्राईम से जुड़ी केस स्टडी की प्रविष्टियों में से सर्वश्रेष्ठ 10 सायबर क्राईम केस स्टडी को प्रस्तुतीकरण हेतु चुना गया था। इनमें मध्य प्रदेश के राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय के जोन-इदौर द्वारा अपराध क्रमांक-116/2021 में किए गए इन्वेस्टीगेशन की प्रस्तुती को राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो, नई दिल्ली द्वारा द्वितीय स्थान प्रदान किया गया।
सायबर जोन इंदौर में आवेदक पीयूष सिंह द्वारा बताया गया कि Crypto Based प्रोडक्ट के Client रियोत केशी कुबी, जापान के क्रिप्टोकरेंसी एप्प से क्रिप्टोकरेंसी (BTC ETH इत्यादि) धोखाधड़ी करने एवं सर्वर से लॉग्स मिटने, कंप्यूटर कोड से कर 25 बीटीसी एवं 30 ईटीएच कुल रकम वर्तमान में लगभग 06 करोड़ 70 लाख रूपए (जो की परिवर्तनशील है) की धोखाधडी कारित की है। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जांच उपरांत अपराध क्रमांक-116/21-पारा-43656 सी 6वी आईटीएक्ट एवं 34,404, 412 420 भादवि का अपराध कायम कर विवेचना में लिया गया।
अनुसंधान के दौरान ज्ञात हुआ कि जापान के Client के लिए आवेदक की कंपनी ने मुख्यतः तीन प्रोडक्ट्स (https://wallet-angelium.net, https://xanawallet.net). tranxia.net बनायें। इन प्रोडक्ट्स का उपयोग करके कोई भी उपयोगकर्ता (EndUser ) अपना डिजिटल वालेट (अकाउंट)
बना सकता है एवं इस डिजिटल वालेट में क्रिप्टो सम्पत्ति स्टोर कर सकता है और उन्हें निवेश कर सकता है, क्रिप्टोएसेट्स को ट्रांसफर भी कर सकता है तथा उपयोगकर्ता को रिवॉर्ड और बोनस मिलता है जो हर दिन कंपनी के डिजिटल अकाउंट में क्रेडिट होता है।
आरोपी पूर्व में आवेदक की कंपनी में कार्य करता था। उसने अपनी गोपनीय जानकारियों का गलत उपयोग करके आवेदक के जापानी Client के प्रोडक्ट में फर्जी यूजर बना दिये और उनमें एपीआई के द्वारा क्रिप्टो का फर्जी इंवेस्टमेंट दिखाया, जिससे आरोपी को भी प्रतिदिन रिवार्ड मिलने लगे। आरोपी anglieum wallet के एक फीचर ote (जिसमें कंपनी यूजर से ANX लेकर उसी वैल्यू का BTC कंपनी वालेट से यूजर को देती थी) का यूज करके क्रिप्टोकरेंसी ANX को BTC में कनवर्ट करता तथा BTC (BITCOIN ) को अपने और अपने परिजनों के क्रिप्टो वालेट में ट्रांसफर कर लेता था |
विवेचना में पाया गया कि बिटकॉइन (किम्टो सम्पत्ति) ट्रांजेक्शन की देश की जानकारी के लिए cryptocurrency exchange wazirx से जानकारी प्राप्त करते बिटकाइन के संदिग्ध वालेट एड्रेस पर बिटकॉइन (क्रिप्टो सम्पत्ति) ट्रांसफर होना पाया गया। उक्त संदिग्ध बिटकॉइन (क्रिप्टो सम्पत्ति) वॉलेट एड्रेस की जानकारी प्राप्त करने पर पाया गया कि आवेदक के कंपनी के Client के वॉलेट एड्रेस से उक्त संदिग्ध बिटकॉइन (क्रिप्टोसम्पत्ति) वालेट एड्रेस पर 11.97 से ज्यादा BTC (क्रिप्टो सम्पत्ति) ट्रांसफर हुए है तथा आवेदक के कंपनी के Client के 10 फर्जी एंड यूजर बनाकर वहां से उक्त एड्रेस को BTC ट्रांसफर हुए है। उक्त संदिग्ध वॉलेट एड्रेस की जानकारी wazirxcryptocurrency exchange से लेने पर नाम- संदीप गोस्वामी, पता- गौरी पटेल के पास द्वारका विहार कॉलोनी सागर (म.प्र्) की जानकारी प्राप्त हुई।
विवेचना में संदिग्ध / आरोपी संदीप गोस्वामी, निवासी-सागर (म.प्र.) को पुलिस टीम द्वारा लगातार मुखबिर तंत्र का प्रयोग करके वृन्दावन मथुरा (उप्र) में होने की सूचना प्राप्त होने पर मथुरा से इंदौर लाया गया। आरोपी से की गई पूछताछ में बताया गया कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिये मथुरा में किराये के मकान में लगभग दो माह से 15 हजार रुपए प्रतिमाह के किराए पर रह रहा था। आरोपी अपनी संपत्ति बेचकर विदेश जाने की तैयारी में था।
उक्त अपराध की पतारसी में सा०जो०का० इंदौर में पदस्थ निरीक्षक राशिद अहमद उ०नि० संजय चौधरी, स.उ.नि. प्रभाकर महाजन, स.उ.नि. रामपाल, आरक्षक विवेक मिश्रा, आरक्षक राकेश बामनिया, आरक्षक राजेन्द्र सिंह राठौर आरक्षक विक्रांत तिवारी की सराहनीय भूमिका रही है।देवास जिले में पुलिस हिरासत में मुकेश भाट की मौत के बाद बीते मंगलवार को मृतक के परिजनों ने मंदसौर जिले के शामगढ़ की मेलखेड़ा चैपाटी पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया। मध्य प्रदेश राज्य मानव अधिकार आयोग के संज्ञान में इस मामले के आने के बाद डीजीपी और एसपी देवास से पूरी घटना का प्रतिवेदन मांगा गया है
मालूम हो कि इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। परिजनों को दो लाख रूपये की सहायता राशि भी देने की मंजूरी दे दी गई है। उल्लेखनीय है कि औद्योगिक थाना, देवास की पुलिस ने ईश्वर भाट को नकली घी व बीड़ी के साथ पकड़ा था। बाद में उसके साढ़ू मुकेश को भी पकड़ा। हिरासत में उसकी तबीयत बिगड़ी, तो उसे इलाज के लिये इंदौर अस्पताल भेज दिया गया। यहां मुकेश की मौत हो गयी। परिजनों ने एसपी देवास से थाना पुलिस पर मुकेश के साथ बेरहमी से मारपीट करने का आरोप लगाया। इस गंभीर मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश एवं पुलिस अधीक्षक, देवास से एक माह में बिंदुवार जवाब मांगा है। आयोग ने इन अधिकारियों से पूछा है कि यह प्रकरण न्यायिक जांच के लिये भेजा है या नहीं ? यदि नहीं भेजा है, तो तुरंत संबंधित जिला जज को भेजें। आयोग ने यह भी कहा है कि प्रकरण से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेजों (मय पीएम रिपोर्ट) के अलावा सीसीटीव्ही कैमरा के फुटेज को संरक्षित कर उसे भी प्रतिवेदन के साथ ही भेजें।
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