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जर्जर स्कूल भवन में पालक नहीं भेज रहे बच्चे, मानव अधिकार आयोग ने मांगा प्रशासन से जवाब

राजगढ़ जिले के ब्यावरा नगर के मुख्य बाजार मेन मार्केट भरथरे चौक स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय क्रमांक एक स्कूल के जर्जर भवन देखकर पालकों ने बच्चों को स्कूल भेजने बंद कर दिया है। जब यह मामला राज्य मानव अधिकार आयोग के संज्ञान में आया तो मंत्रालय से लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों तक से जवाब मांगा गया है।
बताया जाता है कि स्कूल का भवन पूरी तरह से जीर्णशीर्ण होकर कभी भी जमींदोज होने की कगार पर जा पहुंच गया है। स्कूल की जर्जर स्थिति को देखते हुये शिक्षा मिशन के माध्यम से समीप ही दो अतिरिक्त कक्ष तैयार कर अब उनमें बच्चों को बैठाया जा रहा है, किंतु अव्यवस्थायें और जर्जर भवन के गिरने का खतरा दूर नहीं होने से बच्चों के पालकों ने इस स्कूल में प्रवेश दिलाना बंद कर दिया है। पूर्व में काफी समय तक जर्जर भवन में हीं कक्षायें संचालित होती रहीं। अतिरिक्त कक्ष बनने के बाद वहां कक्षा लगाने लगे। स्कूल प्रबंधन द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से जर्जर बिल्डिंग में बच्चों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया है। स्कूल का मेन गेट, जो मेन मार्केट की ओर खुलता है, उसपर ताला लगाकर बंद कर दिया गया है। अब स्कूल में प्रवेश बालाजी मंदिर के सामने से ही कर दिया गया है। इस प्राथमिक शाला में कक्षा एक से पांचवी तक की कक्षायें संचालित की जातीं हैं।
मामले में संज्ञाान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश नरेंद्र जैन ने मुख्य सचिव, मप्र शासन, प्रमुख सचिव, मप्र शासन, स्कूल शिक्षा विभाग, कलेक्टर राजगढ़ एवं जिला शिक्षा अधिकारी, राजगढ़ से तीन सप्ताह में जवाब मांगकर पूछा है कि इस स्कूल की इतनी दुर्दशा क्यों कर हुई ?
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