उज्जैन में श्रावण महोत्सव के अंतिम दिन गायन और नृत्य से होगी महाकाल की स्तुति

अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2022 के अंतिम रविवार की संध्या में श्री जयतीर्थ मेवुंडी कर्नाटक का शास्त्रीय गायन, सुश्री कल्याणी एवं सुश्री वैदेही भोपाल का ओडिसी नृत्य तथा सुश्री सुष्मिता पंवार उज्जैन का कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी|

श्री महाकालेश्वलर मंदिर प्रबंध समिति, उज्जैन के गरिमामयी आयोजन 17 वे अखिल भारतीय श्रावण महोत्सव 2022 के की छटवी और अंतिम संध्या 21 अगस्त 2022, रविवार को शास्त्रीय गायन, और नृत्य से भगवान श्री महाकालेश्वर की वंदना में देश के विख्यात कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी |

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड ने बताया कि महोत्संव का आयोजन त्रिवेणी कला एवं पुरातत्वप संग्रहालय सभागृह, जयसिंह पुरा किया जा रहा है | इस समारोह में श्री जयतीर्थ मेवुंडी कर्नाटक का शास्त्रीय गायन, सुश्री कल्याणी एवं सुश्री वैदेही भोपाल का ओडिसी नृत्य तथा सुश्री सुष्मिता पंवार उज्जैन का कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी|

कलाकारों का परिचय –

प्रथम – पंडित जयतीर्थ मेवुंडी कर्नाटक के किराना घराने के प्रमुख गायकों में से एक हैं। उनका प्रारंभिक प्रशिक्षण घर पर शुरू हुआ, अनौपचारिक रूप से भजन और अन्य भक्ति संगीत गाए। जयतीर्थ ने एक दशक से अधिक समय तक पंडित अर्जुन नकोद से विधिवत संगीत की शिक्षा प्राप्त की और बाद में पंडित भीमसेन जोशी के शिष्य श्रीपति पादीगर से प्रशिक्षण प्राप्त किया| कर्नाटक संगीत और एक समृद्ध अभंग प्रदर्शनों की सूची के मजबूत समावेश के साथ कई लोग उनकी आवाज और पंडित जोशी के बीच समानता सुनते हैं।

द्वितीय – नवोदित नृत्य कलाकारों में सुश्री कल्याणी एवं सुश्री वैदेही का नाम सर्वविदित है | कल्याणी एवं वैदेही कई वर्षो से भोपाल स्थित प्रख्यात नृत्यांगना सुश्री बिन्दु जुनेजा से नृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। दोनों ने साथ मे कई प्रतिष्ठित मंचों पर प्रस्तुति देकर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त किया है | जिसमें ‘आसपास’ श्रृंखला, भारत भवन एवं मानव संग्रहालय-भोपाल, साधना फेस्टिवल, अय्यर फाउंडेशन एवं उमंग सीरीज-नेशनल सेन्टर फ़ोर परफोर्मिंग आर्ट्स – मुंबई, नाना साहेब पानसे समारोह- दमोह, युवा नृत्य समारोह- नासिक, इण्डिया इन्टर्नेशनल सेन्टर- नई दिल्ली, फ़ेस्टिवल ऑफ़ ओडिसी-कोलकाता प्रमुख है |

तृतीय – सुश्री सुष्मिता पंवार के शाश्त्रीय नृत्य कथक की प्रारंभिक शिक्षा नृत्यगुरु डॉ. पद्मजा रघुवंशी एवं श्रीमती प्रतिभा रघुवंशी एलची के मार्गदर्शन में हुई | इसके बाद सुष्मिता ने राजा मानसिंह तोमर यूनिवर्सिटी ग्वालियर से कथक में विशारद पूर्ण किया | सुष्मिता ने कथक केंद्र- नई दिल्ली से कथक में तीन वर्षीय डिप्लोमा ऑनर्स की शिक्षा गुरु डॉ. समीक्षा शर्मा के मार्गदर्शन में प्राप्त करने के बाद कथक गुरु पंडित राजेंद्र गंगानी की कई कार्यशालाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर नृत्य की बारीकियों को आत्मसात किया है | सुष्मिता ने देश के कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुतियाँ देकर पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त किए हैं |

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