कारम डैम को बहने से बचाने वाले ड्राइवर-सहायकों का सीएम द्वारा सम्मान

मध्यप्रदेश के धार जिले में स्थित कारम डैम को बहने से बचा लिया गया है। अब आपदा नियंत्रण में सहयोग देने वाले पोकेलेन मशीनों के ड्राइवर और सहायकों के सम्मान में समारोह का आयोजन किया गया. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दो-दो लाख रुपये देकर सभी को सम्मानित किया। वहीं, दूसरी तरफ कारम बांध को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने पत्रकार वार्ता में राज्य सरकार को घेरा और कारम बांध सहित प्रदेश के कुछ अन्य बांधों में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कारम बांध राहत में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले ड्रायवर और सहायकों को सम्मानित करते हुए कहा कि यह एक ऐसा संकल्प था जिसने मुझे तीन दिन रात सोने नहीं दिया। भाई-बहन, बेटा-बेटी, पशु सब सुरक्षित रहे. हृदय में संतोष है कि कुछ नुक़सान नहीं हुआ. थोड़ा बहुत कुछ नुक़सान हुआ है, तो मामा देख लेगा. मैं टीम मध्यप्रदेश को बधाई देता हूँ. आपदा प्रबंधन का इतना बड़ा उदाहरण दुनिया में भी कही नहीं होगा।

उन्होंने कहा कि रात में 9:30 बजे पानी निकलना शुरू हुआ था। पोकलेन के ड्राइवर के लिए यह ख़तरे का काम था। तीन मंत्री डटे रहे। मैंने सबको कह दिया था पैसे की चिंता मत करना। भोजन सब जनता के लिए अच्छा होना चाहिए। आपके प्रयत्न के कारण सफलता मिली. मामले की जांच के लिए जांच कमिटी गठित है, जो भी निकलेगा हम कार्रवाई ज़रूर करेंगे।

चौहान ने कहा कि ईश्वर की कृपा, तकनीकी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन और सब के सहयोग से 24 घंटे में बांध का पानी निकाल लिया गया। संतोष की बात यह रही कि पानी गाँव और घरों में नहीं घुसा। कभी-कभी इस तरह की परीक्षा की घड़ी निर्मित होती है। इस कठिन समय में तीनों मंत्री और प्रशासन का पूरा अमला जिम्मेदारी एवं कुशलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करता रहा। इस सफलता का श्रेय सभी को है।

चौहान ने बांध के पानी की सुरक्षित निकासी के लिए मार्ग बनाने वाले पोकलेन ऑपरेटर, पोकलेन मशीन हेल्पर, ब्रेकर ऑपरेटर आदि को सम्मान निधि के रूप में दो-दो लाख रूपए के चेक प्रदान किए। साथ ही सर्वश्री शिवकुमार कोल, संजय भारती, मोहम्मद सैयद आलम, प्रमोद कुमार, सूरज कुमार कोल, नितिश कुमार, अमित, जय सिंह, जितेन्द्र दरबार, मोतीलाल, इंदू, गंगाराम, सुनील, श्यामलाल, विजय तथा संतोष ओसारी को माल्यार्पण कर प्रमाण-पत्र और चेक प्रदान किये गये।

मुख्यमंत्री ने राहत कार्य में लगे स्वयंसेवी संगठनों और जन-प्रतिनिधियों को शाल, श्रीफल तथा प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। धार जिले की नगर परिषद धामनोद के अध्यक्ष श्री दिनेश शर्मा, धामनोद के वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रमोद केडिया, ग्राम पंचायत कोठिदा की सरपंच श्रीमती सेवलाबाई, सरपंच ग्राम पंचायत उतावली श्रीमती राधाबाई, सरपंच ग्राम पंचायत फरसपुरा श्रीमती संतोषबाई, सरपंच ग्राम पंचायत सिरसोदिया श्रीमती ललिता, सरपंच ग्राम पंचायत बलवाड़ा श्रीमती मुन्नीबाई, सरपंच ग्राम पंचायत बैगन्दा श्री राधेश्याम वसुनिया और सरपंच ग्राम पंचायत बलवारी श्री सुरेश को सम्मानित किया। ग्राम धामनोद की पाटीदार धर्मशाला, सेवा भारती, सनातन सारथी संस्था, माँ अन्नपूर्णा रोगी सेवा संस्था और भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।

मुख्यमंत्री चौहान ने खरगोन जिले की ग्राम पंचायत जलकोटा की सरपंच श्रीमती गेंदूबाई डाबर, ग्राम पंचायत बड़वी के सरपंच श्री मोहब्बत सिंह, ग्राम पंचायत काकरिया के सरपंच श्री मुकेश, ग्राम पंचायत मक्षी की सरपंच श्रीमती जमुना बाई, ग्राम पंचायत कुसुम्भया की सरपंच श्रीमती संगीता बाई, ग्राम पंचायत बाकानेर की सरपंच श्रीमती सेवंती बाई को सम्मानित किया। उत्कृष्ट कार्य के लिए ग्राम पंचायत जलकोटा के श्री महेश, ग्राम पंचायत काकरिया के श्री धीरज, ग्राम पंचायत मोयदा के श्री भारत सिंह, ग्राम पंचायत नयापुरा के श्री महेश, ग्राम पंचायत कुसुम्भया के श्री गणेश और ग्राम पंचायत बाकानेर के श्री अमीचंद को भी सम्मानित किया गया।

जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के स्पष्ट निर्देश थे कि कोई जनहानि नहीं होना चाहिए। इस निर्देश के अनुसार ही रणनीति विकसित कर बचाव की समस्त गतिविधियाँ संचालित की गईं। मंत्री श्री सिलावट ने पोकलेन मशीन ऑपरेटरों के साहस और समर्पित भाव से कर्त्तव्य पराणयता की प्रशंसा की।

समारोह में अपने अनुभव साझा करते हुए धामनोद नगर परिषद के अध्यक्ष श्री दिनेश शर्मा ने कहा कि राहत कार्य में धर्मशाला और मैरिज गार्डन वालों ने भी नि:शुल्क सेवा उपलब्ध कराकर सहयोग किया। धामनोद के समाजसेवी श्री प्रमोद केडिया ने कहा कि सेवा भारती की टीम ने मानव जीवन बचाने के साथ मवेशियों की रक्षा के लिए भी संवेदनशीलता से कार्य किया गया। डेम के पाईप का वॉल्व खोलने वाले श्री समर सिंह ने बताया कि वॉल्व खोलने में पहले तो डर लग रहा था, पर जब कई गाँवों के लोगों के जीवन का ध्यान आया तो अपनी जान जोखिम में डालकर मैं वॉल्व खोलने के लिए आगे बढ़ा और वॉल्व खोला। ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था करने वाले धामनोद के श्री गौरव जाट ने कहा कि सूचना प्राप्त होते ही हमने एक घंटे में भोजन के 500 पैकेट की व्यवस्था कर ली थी। विशेष बात यह रही कि राखी के लिए धामनोद आयी बहनों ने भी भोजन की व्यवस्था संभाली।

इंदौर संभागायुक्त पवन शर्मा ने कहा कि प्रशासनिक सेवा के दौरान डेम बनवाने के तो बहुत अनुभव थे, परंतु डेम खाली कराने का यह पहला अनुभव था। बांध की क्षति और लगातार हो रही वर्षा से कई तरह के भय मन में थे, परंतु मुख्यमंत्री के प्रोत्साहन, उनके त्वरित निर्णय और स्पष्ट निर्देश के परिणामस्वरूप भय पर नियंत्रण कर आपदा का सामना किया। कलेक्टर धार पंकज जैन ने कहा कि प्रशासन की संपूर्ण टीम और जन-प्रतिनिधियों के सहयोग से आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों का व्यवस्थित संचालन संभव हो पाया। खरगोन कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने कहा कि यह आपदा और राहत प्रबंधन का अद्भुत उदाहरण था।

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