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उमा भारती ने अपनी आत्मकथा ट्विटर पर लिखना किया शुरू

भाजपा की फायर ब्रांड नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के तेवर एकबार फिर तीखे होते नजर आ रहे हैं। इस बार उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी घटनाओं को सार्वजनिक करने का नया माध्यम निकाला है और वे ट्विटर पर शेयर करने जा रही हैं। आज पहली बार उन्होंने गंगा मंत्रालय और उससे जुड़े एक घटनाक्रम को पेश किया है जिसमें बिना चर्चा के अदालत में शपथपत्र देने की घटना को बताया है।
उमा भारती ने कहा कि दो प्रकाशकों ने उनके जीवन पर किताबों के प्रकाशन की अनुमति मांगी थी लेकिन उन्होंने सहमति नहीं दी। वे अपने जीवन की घटनाओं को अपनी भाषा, लिपि में पेश करना चाहती थीं तो आज से उन्होंने इसकी शुरुआत की है। भारती ने लोगों से कहा है कि वे समय निकालकर ट्विटर पर उनकी पोस्ट को अवश्य पढ़ें क्योंकि उनके जीवन से जुड़ी सत्य घटनाओं को वे शेयर करने जा रही हैं।
भारती ने आज गंगा मंत्रालय से जुड़ी एक घटना को लिखा है जिसका संगठन स्तर पर अनुशासनहीनता पर सख्त फैसला लेने की बात कही है। गंगा मंत्रालय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र पेश करने के लिए बिना किसी से चर्चा के मंत्रालयीन अधिकारियों के साथ बैठकर दस्तावेज तैयार किया था। इस शपथ पत्र को अदालत में भी पेश कर दिया गया। जो शपथ पत्र पेश किया गया था, उसमें प्रस्तुत तथ्यों के बारे में भाजपा या केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रियों को जानकारी तक नहीं थी। इसके बाद जब राष्ट्रीय कार्यकारिणी बनी तो उसमें उन्हें सदस्य तो बनाया गया मगर कोई पद नहीं दिया गया। भारती ने इस घटना को मध्य प्रदेश में अपने शराब बंदी अभियान से भी जोड़ा है।
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