21 साल पहले समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में पाकिस्तान पहुंची गीता को सात साल पहले पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज के प्रयासों से भारत वापस लाया गया था। भारत वापसी के बाद उसके माता-पिता को तलाशने में सात साल लग गए क्योंकि गीता को अपने घर के बारे में कुछ पता नहीं था। वह केवल इतना जानती थी कि घर के पास नदी थी, एक बड़ा देवी का मंदिर था और पुल था जिसमें रेलिंग लगी थी।
नदी, मंदिर और पुल की यादों के सहारे सात साल गीता अपने माता-पिता को तलाशती रही लेकिन उसे उसके माता-पिता से मिलवाने में पुलिस एनजीओ ने हार नहीं मानी और आखिर कर उन्हें महाराष्ट्र के परभणी में तलाश लिया। आज गीता को मध्य प्रदेश पुलिस ने एनजीओ की मदद से उसकी मां-बहन को सौंप दिया गया।
पाकिस्तान में बिलकिस जहां ने 15 साल रखा
गीता मूक बधिर थी और उसे वहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने एक एनजीओ की संचालिका बिलकिस जहां को सौंप दिया था क्योंकि वह कुछ भी बता नहीं पा रही थी। मगर ट्रेन में भटकते हुए पाकिस्तान पहुंची गीता को जब भोपाल लाया गया तो वह अपने माता-पिता के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही थी क्योंकि पाकिस्तान पहुंचने पर उसकी उम्र बहुत कम थी। 15 साल तक बिलकिस ने गीता को अपने साथ रखा। उसकी जिद में बिलकिस जहां ने एक मंदिर भी बनवाया था।
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