Warning: mysqli_real_connect(): Headers and client library minor version mismatch. Headers:100311 Library:30121 in /home/khabar/domains/khabarsabki.com/public_html/wp-includes/class-wpdb.php on line 2035
संवेदनाओं से ही उपजी है लाड़ली लक्ष्मी योजना : मुख्यमंत्री

संवेदनाओं से ही उपजी है लाड़ली लक्ष्मी योजना : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि संवेदनाओं से ही लाड़ली लक्ष्मी योजना उपजी है। संवेदना के बिना सेवा का भाव पैदा नहीं हो सकता है। संवेदना और सेवा भारत के मूल में है, भारत की जड़ों में है। दूसरों की सेवा का भाव संवेदना से ही पैदा होता है। स्वदेश की यात्रा वैचारिक अनुष्ठान और मूल्य आधारित पत्रकारिता की यात्रा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान रविवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभागार भोपाल में स्वदेश ग्वालियर समूह की 50 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा पर आयोजित “भारतीय राजनीति में सेवा, संवेदना एवं संस्कृति” विमर्श को संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम में अतिथियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केन्द्रित ग्रंथ “विलक्षण जननायक” का विमोचन भी किया। महामंडलेश्वर स्वामी अवेधशानंद गिरि जी महाराज, प्रखर विचारक श्री शिव प्रकाश, मध्य स्वदेश के प्रबंध संचालक श्री यशवर्धन जैन, समूह संपादक श्री अतुल तारे मंचासीन थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान की धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह, जन-प्रतिनिधि, समाजसेवी, पत्रकार और नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि व्यवसायिक पत्रकारिता के दौर में स्वदेश की मूल्य आधारित पत्रकारिता निरंतर जारी है। संवेदना के बिना सेवा का भाव पैदा नहीं हो सकता। संवेदना और सेवा भारतीय संस्कृति के मूल में है। एक ही चेतना भारतीय संस्कृति का मूल है। हजारों वर्ष पहले हमारे ऋषियों ने कहा कि जियो और सबको जीने दो। मूल्य रूप से हम सभी एक हैं। प्राणियों और प्रकृति के प्रति संवेदना का प्रकटीकरण होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बचपन में मुझे एक कहानी के माध्यम से भगवान की पूजा करने के भाव का प्रकटीकरण हुआ। रामायण और गीता पढ़ते-पढ़ते समाज सेवा के लिए भाव पैदा हुआ। उन्होंने महिलाओं तथा बेटियों के साथ भेदभाव की घटनाओं का स्मरण करते हुए कहा कि गरीबों और श्रमिकों को उनका पूरा परिश्रम दिलाने का भाव मन में उत्पन्न हुआ। गाँव की बेटियों के खिलाफ अन्याय और महिलाओं पर अत्याचार आँखों से देखकर मन में बेटा-बेटियों में भेद न करने संवेदना पैदा हुई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार बनते ही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना बनाई और लाड़ली लक्ष्मी योजना शुरू की। महिलाओं को स्थानीय निकायों में 50 प्रतिशत आरक्षण और पुलिस भर्ती में 30 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस परिप्रेक्ष्य में अपने गुरु विभीषण जी के साथ केलकर जी को भी याद किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गुरु सही राह दिखाते हैं, तो हम अच्छे कार्य कर पाते हैं। संवेदनाएँ सेवा में परिवर्तित होती हैं। नित्य अपने आपको सुधारने की कोशिश करते रहें। अच्छे संस्कारों से ही हम आगे बढ़ पाते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आचार्य शंकर ने पूरे विश्व को एक सूत्र में बाँधा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी भारत को नई दिशा में ले जाने का काम कर रहे हैं। हम सभी उनके कार्यों में सहयोग करते रहें। सही रास्ते पर चलते रहें। महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने कहा कि सेवा, संवेदना और संस्कृति एक दूसरे के अभिन्न अंग हैं। ईश्वर भी सेवा में ही लगा है। सेवा से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति स्वार्थ और लालसा से दूर होता है वह सेवा कर सकता है। सेवा ईश्वरीय कार्य है। उन्होंने कहा कि सबके सुख के लिए कार्य करना हमारा भाव होना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान की सेवा और संवेदना के कई उदाहरण दिए। स्वामी जी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान मूल्य, परम्पराओं और संस्कृति के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। वे एक अच्छे विचारक, चिंतक और प्रशासक हैं। उन्होंने कहा कि अब भारत का युग आ गया है। राम मंदिर का कार्य राष्ट्र निमार्ण का कार्य है। स्वामी अवधेशानंद जी ने कहा कि भारत में जहाँ काशी और अयोध्या को नया स्वरूप दिया जा रहा है, वहीं मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान महाकालेश्वर और उज्जैन जैसे धार्मिक स्थलों का विकास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज विमोचित पुस्तक संस्कृति के शंखनाद का संदेश देगी।
विशिष्ट अतिथि श्री शिव प्रकाश ने कहा कि हम सबके लिए राजनीति में सेवा, संवेदना और
संस्कृति होना आनंददायी है। वेदना को समझकर अपने अंदर अनुभूत करना संवेदना है। संवेदना की अनुभूति राजनीति में सक्रियता को जन्म देती है। गरीबों की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के अंदर गरीबों के प्रति संवेदना थी, जिससे वे महान बने। समाज के लिए श्रेष्ठ करने में संवेदना महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय नेअहंकार को त्याग कर सेवा पर बल दिया। सेवा के आधार पर राजनीति ही भारतीय संस्कृति है। सेवा ही समाज के अंदर विकास कर सकती है। संस्कृति हर राष्ट्र की आत्मा होती है। विलक्षण जननायक ग्रंथ समाज के लिये प्रेरणा का कार्य करेगा।
मध्य स्वदेश के समूह संपादक श्री अतुल तारे ने स्वदेश ग्वालियर समूह की अभी तक की
यात्रा पर विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सेवा, संवेदना और संस्कृति राजनीति के मूल्य हैं।
समाज को दिशा देने में इनकी अहम भूमिका है। “विलक्षण जननायक” पुस्तक समाज के लिए
उपयोगी साबित होगी। समाज की सकारात्मक सेवा करने के लिए हम कटिबद्ध हैं।
समूह के प्रबंध संपादक श्री सौमित्र जोशी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन वंदे-
मातरम गान के साथ हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today