-
दुनिया
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
ऑपरेशन सिंदूर ने बताया आतंकवादियों का छद्म युद्ध, प्रॉक्सी वॉर नहीं चलेगा, गोली चलाई जाएगी तो गोले चलाकर देंगे जवाब
-
मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे पर कामलीला, नेताजी की महिला शिक्षक मित्र संग आशिकी का वीडियो वायरल
-
बालाघाट-मंडला में घोड़े-बकरी-भेड़ के खाने लायक अनाज राशन की दुकान पर मिला
मध्यप्रदेश में केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय की एक टीम ने जुलाई-अगस्त में चार दिन बालाघाट-मंडला जिले में निरीक्षण किया जिसमें 31 गोदाम और एक राशन की दुकान से नमूने लिए थे। इनकी रिपोर्ट आने पर पता चला कि जो राशन वहां मिला था, वह घोड़े, बकरी और भेड़ के खाने लायक था। मानव जीवन के लिए वह अनाज नुकसान दायक था। इस पर जब कांग्रेस ने बवाल मचाया तो सरकार के कान खड़े हुए और तुरत फुरत गुणवत्ता नियंत्रकों के खिलाफ कार्रवाई कर दी।
मामला 30 जुलाई से दो अगस्त के बीच का है जब केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय की एक टीम बालाघाट व मंडला जिले में घूमी थी। वहां उसने 32 स्थानों से अनाज के नमूने लिए जिनमें से एक राशन का दुकान का था और शेष सभी गोदामों के थे। नमूनों की जांच रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय ने लिखा है कि जो अनाज वहां मिला वह मनुष्य के खाने लायक नहीं था। इसके बाद भाजपा के लोकेंद्र पाराशर ने सफाई दी कि जहां अनाज मिला वह प्रदेश सरकार के अधिकार क्षेत्र का नहीं है। वह अनाज मध्यप्रदेश सरकार का नहीं है।
वहीं दूसरी तरफ रात को राज्य सरकार ने तुरत फुरत कार्रवाई की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बालाघाट एवं मंडला जिलों में कुछ स्थानों पर गुणवत्ताविहीन चावल प्रदाय के प्रकरण को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है। उन्हें साफ हिदायत भी है कि राशन, खाद आदि की गड़बड़ी अथवा कालाबाजारी करने वालों को बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा तथा उन पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रकरण में आज बालाघाट एवं मंडला जिलों के चावल की गुणवत्ता कार्य के लिए जिम्मेवार गुणवत्ता नियंत्रकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं वहीं बालाघाट के जिला प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है। संबंधित मिलर्स के खिलाद्य एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्रवाई की जारही है। जांच में इन दो जिलों के चावल के 57 सैम्पल मानक गुणवत्ता के नहीं पाए गए हैं।
51 दलों ने 1021 सैम्पल लिए
चावल की गुणवत्ता के परीक्षण के लिए भारतीय खाद्य निगम एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के 51 संयुक्त दल बनाए गए, जिन्होंने दोनों जिलों से चावल के 1021 सैम्पल लिए। प्रारंभिक जांच के परिणाम स्वरूप इनमें से 57 सैम्पल निर्धारित गुणवत्ता विहीन पाए गए।
मिलर से गुणवत्ता युक्त चावल प्राप्त किए जाएंगे
राज्य की कस्टम मिलिंग नीति में उल्लेखित प्रावधान अनुसार मिलर द्वारा कस्टम मिलिंग उपरान्त दिए गये निम्न गुणवत्ता के चावल मिलर को वापस कर मानक गुणवत्ता के चावल प्राप्त किए जाएंगे।
Leave a Reply