अभिनयन में हुआ भवाई शैली में लोकनाट्य ‘रावत रनसिंह’ का प्रसारण

मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में रंग प्रयोगों के प्रदर्शन पर केंद्रितसाप्ताहिक श्रृंखला ‘अभिनयन’ में आज प्रकाश हरिलाल पैजा, गुजरात के निर्देशन में भवाई शैली में लोकनाट्य ‘रावत रनसिंह’ का प्रसारण संग्रहालय के यूट्यूब चैनल- http://bit.ly/culturempYT पर हुआ| 

भवाई- गुजरात की लोक परम्परा में 14वीं सदी से प्रचलित एक नाट्य शैली है | रंगमंच पर इस शैली के माध्यम से जन जागरण तथा लोकरंजन का सिलसिला आज तक जारी है | इसमें सभी पात्र पुरुष होते हैं, पुरुष ही महिलाओं का किरदार निभाते हैं और गाँव-गाँव जाकर भवाई खेलते हैं | भवाई समुदाय समाज सुधार का कार्य भी करती आ रहा है |  

इस प्रस्तुति के केंद्र में मोरबी के राजा ‘रावत रनसिंह’, ‘नानजी कोतवाल’ और ‘बाड़ल देह’ कन्या है | बाड़ल देह पूर्व जन्म में मछेन्दरी कन्या (माता सती) थी और रावत रनसिंह भैरव राक्षस था | माता के श्राप से वह भस्म हो जाता है और भस्म होते-होते माता मेरा उद्धार करो- माता मेरा उद्धार करो, याचना करता है, तब माता उसे कहती हैं, तेरा अगले जन्म में उद्धार होगा | अगले जन्म में भैरव राजा ‘रावत रनसिंह’ के रूप में और ‘मछेन्दरी कन्या’ मोजड़ी बनाने वाले कारीगर की बेटी के रूप में जन्म लेती हैं| कहानी के अंत में राजा माता ‘सती’ को पहचान लेता है तथा उसके आग्रह पर ‘बाड़ल देह’ राजा को पूर्व जन्म की सारी कहानी बताती है और मोजड़ी को नदी में बहाने के लिए कहती है, जिससे उसका राज्य पहले जैसा हो जायेगा और समाधी ले लेती है |  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Khabar News | MP Breaking News | MP Khel Samachar | Latest News in Hindi Bhopal | Bhopal News In Hindi | Bhopal News Headlines | Bhopal Breaking News | Bhopal Khel Samachar | MP News Today