कोर्ट के निर्णय से कांग्रेस बेनकाब: विष्णुदत्त शर्मा

कांग्रेस एक बार फिर न्यायालय में बेनकाब हुई है कांग्रेस हमेशा संवैधानिक संस्थाओं और उन पदों पर बैठे हुए लोगों का अपमान करती आई है। सत्ता बचाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूरी कांग्रेस ने संवैधानिक पद के मुखिया राज्यपाल के आदेशों को न मानकर लगातार सुनियोजित तरीके से उनका अपमान किया। आज सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से कांग्रेस की दूषित मानसिकता उजागर हुई है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सत्य की जीत हुई है और सत्ता लोलुपता वाली कांग्रेस को करारा जवाब मिला है।

यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने मध्य प्रदेश में सरकार गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करते हुए कही। मध्यप्रदेश में सरकार गठन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा कि ’ये राज्यपाल के अधिकारों पर ये 68 पन्नों का फैसला है। हमने संवैधानिक कानून और गवर्नर के अधिकारों के बारे में विस्तृत फैसला दिया है।’ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा ने सत्य की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि सांच को आँच नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने कांग्रेस को आईना दिखाया है। साथ ही कांग्रेस की अलोकतांत्रिक सोच की पोल खोल दी है।
सत्ता का दुरुपयोग करने का कांग्रेस का पुराना इतिहास
शर्मा ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है कि कांग्रेस सत्ता बचाने के लिए किसी भी हद तक सत्ता का दुरुपयोग करने में गुरेज नहीं करती। 15 माह में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने न सिर्फ जनता का विश्वास खोया बल्कि अपने ही दल के विधायकों का भी वह विश्वास अर्जित नहीं कर पाए जिसके परिणाम स्वरूप सरकार में अविश्वास पैदा हुआ। उन्होंने कहा कि राजनीतिक परिस्थितियों के अनुरूप राज्यपाल महोदय ने निष्पक्षता पूर्ण फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया जिसे मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा नकार दिया गया साथ ही कई बार कांग्रेस सरकार ने सीधे-सीधे राज्यपाल के आदेशों की अवहेलना की। मध्यप्रदेश में विश्वास खो चुकी सरकार बचाने के लिए कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष पद तक को भी नहीं बख्शा। उस पद का कांग्रेस ने दुरुपयोग किया वह जग जाहिर है।
कमलनाथ राज्यपाल और प्रदेश की जनता से माफी मांगे
श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अपने घटते जनाधार को लेकर चिंतित है और इसी कारण वह लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का हनन करने पर आमादा है। जिस तरीके से कांग्रेस ने राज्यपाल महोदय के आदेशों की अवहेलना की उसका प्रमाण भी आज सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया है। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस नेताओं को आत्ममंथन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को राज्यपाल के आदेशों की अवहेलना करने और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को भंग करने के लिए न सिर्फ राज्यपाल महोदय बल्कि प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

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