सैनिटाइजर, मास्क, राशन की कालाबाजारी पर हो सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मंत्रालय में प्रदेश में कोरोना संकट की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि प्रदेश में कहीं भी मास्क, सैनिटाइजर अथवा खाद्य सामग्री आदि की कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। उन्हें निर्धारित दाम पर ही बेचा जाना चाहिए। यदि कोई कालाबाजारी करता है और निर्धारित दाम से अधिक में इन्हें बेचता है, तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि थोड़े भी लक्षण दिखने पर कोरोना टेस्ट करवाया जाए, कोई छूटे नहीं। यदि कोई भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति बिना टेस्ट के छूटता है, तो उससे कई लोगों को संक्रमण की आशंका बनी रहती है, अतः इस कार्य में ढिलाई न बरती जाए।

समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव श्री इक़बाल सिंह बैंस ने बताया कि वर्तमान में कोरोना टेस्टिंग किट्स का स्टॉक 4050 का है, जो कि पर्याप्त है। आगे भी इनका आना जारी रहेगा। हमारी वर्तमान टेस्ट क्षमता 480 है जो आगामी 10 अप्रैल तक 1000 हो जाएगी। हमारे पास पीपीई किट्स की संख्या 6000 हो गई है। मध्यप्रदेश में बनी किट्स को डीआरडीओ ने एप्रूव कर दिया है। इस पर मुख्यमंत्री ने बधाई दी तथा कहा कि आवश्यकता से अधिक किट्स होने पर हम अन्य राज्यों को भी दे सकते हैं। पीपीई किट को पहनने से कोरोना संकट में कार्य कर रहे अमले में आत्मविश्वास आता है। हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन गोलियां 2.5 लाख हैं तथा और आ रही हैं। एन 95 मस्क की संख्या 43750 है जो कि पर्याप्त है। आवश्यकता अनुसार सभी जिलों को निशुल्क मास्क भिजवाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मास्क एवं सैनिटाइजर भारत सरकार द्वारा निर्धारित कीमत पर ही बेचे जाने चाहिए। सभी जिलों में कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि मास्क अथवा सैनिटाइजर अधिक कीमत पर न बेचे जाएं। इसके लिए इनकी कीमतें प्रचारित करने के भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए ।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ स्थानों से राशन की कालाबाजारी की शिकायतें आ रही हैं, इन पर सख्त कार्रवाई की जाए। प्रदेश में 97.5 लाख परिवारों को राशन का वितरण कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने क्रॉस चेक करवाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायतों का भी त्वारित निराकरण किया जाए।

संकट के समय आमजन को सहायता पहुंचाने के कार्यों में जन अभियान परिषद, एनसीसी, एनएसएस आदि का सहयोग के लिए जाने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आज की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए निर्देशों का पूरा पालन प्रदेश में सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक जिले में क्राइसिस मैनेजमेंट दल गठित किए जाएं, जिनमें प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही डॉक्टर, उद्योगपति, सामाजिक कार्यकर्ता आदि रहें, यह कार्य कलेक्टर सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वृद्धाश्रमों एवं दिव्यांग आश्रमों में भी कोरोना के संबंध में जांच करवाए जाने के निर्देश दिए। निगरानी के लिए द्रोण का प्रयोग भी किया जाए। किसानों के लिए एक मोबाइल एप तैयार किया जाए जो उन्हें बताए कि उन्हें कृषि संबंधी सहायता कहां मिलेगी, कृषि यंत्र, हार्वेस्टर आदि की सूचना किस प्रकार प्राप्त होगी। कलेक्टर अपने-अपने जिलों में धर्मगुरु, सामाजिक संगठनों आदि की बैठक ले कर इस संकट में उनका भी पूरा सहयोग लें। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने आयुष विभाग को निर्देश दिए कि आमजन को आयुर्वेदिक, होमियोपैथी एवं यूनानी दवाओं का निःशुल्क वितरण कराया जाए। ये दवाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी सहायक होती हैं। आयुष डॉक्टर्स को भी आवश्यक प्रशिक्षण देकर हर जिले में इनकी सेवाएं ली जाएं। सचिव आयुष श्री एम. के. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के इन दवाओं के अभी तक 22 लाख पैकेट्स का निःशुल्क वितरण करवाए गए हैं।

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