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संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का जगद्गुरू शंकराचार्य ने किया शुभारंभ
जगद्गुरू शंकराचार्य श्री स्वरूपानंद जी महाराज ने सिन्धु भवन में शिक्षा विभाग के महर्षि पतंजलि संस्थान के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी एवं जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा भी उपस्थित थे।
जगद्गुरू शंकराचार्य ने इस अवसर पर कहा कि संस्कृत एक समृद्ध भाषा है। संस्कृत के बिना भारतीय संस्कृति एवं परम्परा का ज्ञान अधूरा है। संस्कृत को जैसा लिखा जाता है वैसा ही पढ़ा जाता है। संस्कृत भाषा के कई शब्द हिन्दी सहित अन्य कई भारतीय भाषाओं में भी इस्तेमाल किये जाते हैं। समृद्ध शब्दकोष विचार अभिव्यक्ति को और अधिक प्रभावी बनाते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत के सम्यक ज्ञान से परलोक भी सुधरता है। उन्होंने कहा कि सभी पालकों को संस्कृत भाषा का अध्ययन कराएं जिससे बच्चे संस्कारवान एवं भारतीय संस्कृति के संरक्षक बनें।
डॉ. प्रभुराम चौधरी एवं डॉ. नीरा चौधरी ने पादुका पूजन किया एवं जगद्गुरू शंकराचार्य को श्रीमद्-भागवत गीता भेंट की।
शासकीय कन्या आवसीय संस्कृत विद्यालय की छात्राओं ने संस्कृत भाषा में जगदगुरू शंकराचार्य जी का विस्तृत परिचय दिया।
प्रदेश-भर के विद्यालयों से आये शिक्षकों को श्री अरविंदो सोसायटी पुडुचेरी के डायरेक्टर श्री संपदानंद मिश्रा द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण दिया जायेगा।
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