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कमलनाथ सरकार के बजट में किसानों को 46 हजार करोड़ प्रावधान
विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने जब अपना वचन पत्र तैयार किया था तब उसने अन्नदाता को केंद्र में रखकर वचन जनता से किए थे। किसान की कर्ज माफी से लेकर उसके लिए बिजली, सिंचाई का पानी और उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन जैसे उसके सहायक क्षेत्रों के माध्यम से समृद्ध बनाएंगे। इन वचनों को पूरा करने के लिए कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने दो लाख 33 हजार करोड़ से ज्यादा के बजट में से अकेले किसान को 46 हजार करोड़ से ज्यादा देने का प्रावधान कर उसे लौटाने की मंशा जाहिर की है। अकेले कृषि के लिए कमलनाथ सरकार ने 22 हजार 736 करोड़ का बजट देकर किसानों को खुश करने की कोशिश की है।
मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को वित्त मंत्री तरूण भनोत साल 2019-20 का बजट पेश किया। वित्त मंत्री तरुण भनोत को विधानसभा में बजट पेश करने के लिए बंगले से रवाना होते समय पत्नी मालविका ने तिलक लगाया और मिठाई खिलाकर शुभकामनाओं के साथ विदा किया। वे घर से बजट की प्रति को जूट के हस्तशिल्प से बने फाइल पैड में रखे थे।
वित्त मंत्री के मुताबिक इस साल कोई नया कर अलग से नहीं लगाया। किसानों को उनन्त खेती के लिए ट्रेनिग देने का प्रावधान किया गया तो कृषि सलाहदार परिषद व कृषक बंधु योजना को लाया जा रहा है। भोपाल ,ग्वालियर ,इंदौर ,जबलपुर में स्वास्थ्य की दिशा में काम करते हुए जली हुई अवस्था में इलाज के लिए पहुंचने वालों को बर्न यूनिट की सुविधा दी गई। सरकार जल्द ही निजी क्षेत्र में 70 फीसदी मध्यप्रदेश के लोगो को रोजगार संबंधी कानून ला रही है। मछ्ली पालन के लिए पिछली बार से 16 प्रतिशत अधिक बजट रखा गया। श्रमिको के लिए नया सबेरा योजना की शुरुआत करने की बात बजट में कही गई। अनुसूूचित जाति के लिए 22 हजार करोड़ का बजट रखा गया है तो हाट बाजार में एटीएम लगाने की बात की गई। प्रदेश में तीन नए चिकित्सा महाविद्यालयों की खोलने के लिए राशि का बजट प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जनजाति के लिए 33 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है।
बजट 2019-20
कुल विनियोग राशि 233605.89 करोड़ रुपए।
शुद्ध व्यय 214085.02 करोड़ का प्रावधान।
विनियोग की राशि मे 20% की वृद्धि हुई।
पूंजीगत व्यय में 21% कई हुई वृध्दि।
कृषि विभाग में 66% की हुई है वृध्दि।
बजट के मुख्य बिन्दु
- किसानों के लिये कृषि बंधु योजना।
- किसान प्रतिनिधियों से निरंतर संवाद बनाये रखने, समस्याओं के समाधान एवं किसानों के लिये योजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन की संस्थागत व्यवस्था हेतु कृषि सलाहकार परिषद का गठन किया जायेगा।
- प्रदेश में 3 नए सरकारी महाविद्यालय खोले जाएंगे।
- अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल अकादमी खोली जाएगी।
- महिलाओं रोजगार के लिए मुख्यमंत्री ई-रिक्शा योजना।
- गौसंवर्धन और पशु संवर्धन के लिए 132 करोड़ का प्रावधान।
- भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, रीवा और जबलपुर में बर्न-यूनिट तथा स्किल फॉर ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट प्रारंभ किये जाएंगे।
- प्रदेश में प्रथम बार ग्वालियर तथा जबलपुर में डेयरी साइंस एवं खाद्य प्रसंस्करण महाविद्यालय प्रारंभ किये जाने प्रस्तावित हैं।
- प्रदेश में इतने सीमित समय में 17 वृहद औद्योगिक इकाईयों में उत्पादन प्रारंभ हुआ है।
- Magnificent madhya pradesh का आयोजन दिनांक 18 से 20 अक्टूबर 2019 तक इंदौर में किया जाएगा
- प्रदेश में औद्योगिक निवेश का सकारात्मक वातावरण बना है। निवेश प्रोत्साहन में LAND POOLING POLICY का पायलट प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है।
- प्रदेश में 4 नवीन टेक्सटाईल गारमेंट पार्क एवं एक कन्फेक्शनरी पार्क स्वीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त मिष्ठान एवं नमकीन क्लस्टर हेतु एक कॉमन फेसिलिटेशन सेन्टर का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है।
- शहरी युवाओं के लिये युवा स्वाभिमान योजना प्रारंभ की है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य युवाओं को व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण प्रदाय कर स्थाई रोजगार के लिये सक्षम बनाना है। इस योजना में अब तक 17 हजार से अधिक युवाओं का प्रशिक्षण भी प्रारंभ हो चुका है।
- सभी विभागों की स्वरोजगार योजनाओं को एम.पी. ऑनलाइन पोर्टल पर लाया जाकर बैंकों के पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। सीमित अवधि में 40 हजार से अधिक युवाओं को इन योजनाओं में लाभान्वित किया गया है।
- मध्यप्रदेश के विशेष उत्पाद जैसे ‘चंदेरी एवं महेश्वरी की साड़ियाँ’, धार का बाघ प्रिंट कपड़ा, भोपाल के बटुए, छतरपुर एवं टीकमगढ़ के पीतल के उत्पाद, रतलाम के सेव, मुरैना की गजक, भिण्ड के पेड़े, सागर की चिरौंजी बर्फी, मालवा के चूरमा-लड्डू व बाटी, बुन्देलखण्ड की मावा जलेबी तथा अन्य ऐसे उत्पादों की देश-विदेश में पहचान स्थापित किये जाने के लिये उनकी ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग विशेषज्ञ एजेन्सियों के माध्यम से की जायेगी।
- प्रदेश के विभिन्न हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने, विश्वसनीयता स्थापित करने के उद्देश्य से प्रमोशन, अभिलेखीकरण एवं ब्राण्ड बिल्डिंग के लिये नवीन योजना प्रारंभ की जानी प्रस्तावित है।
- मुख्यमंत्री बागवान एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना प्रारंभ करने के लिये रूपये 100 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित।
- गौ शालाओं के तीन मॉडल्स प्रारूपित किये हैं। पहला, कन्वर्हजेनस पर आधारित एक मिश्रित मॉडल है जिसमें मनरेगा, आत्मा और राज्य शासन के स्त्रोतों के जरिये एक हजार स्थानों पर यह कार्य हाथ में लिया गया है। राज्य शासन के स्त्रोतों के लिए रूपये 132 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
- पुरानी गौशालाओं के लिए भी चारे और भूसे के लिए हमारी सरकार ने रुपए 20 प्रतिदिन गौवंश समर्थन दिये जाने का निर्णय लिया है।
- किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ अब पशुपालकों और मछुआरों को भी मिलेगा।
- चिकित्सा सेवाओं में योग्य चिकित्सकों की पदस्थापना के लिये हमारी सरकार ने मुख्यमंत्री सुषेण संजीवनी योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया है।
- प्रदेश में 6 नवीन सिविल अस्पताल, 70 नवीन सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, 329 नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 308 नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों के स्थापना की कार्य योजना बनाई गई है।
- चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित किये जाने के लिए बैकलॉग के 1065 पदों पर चयन एवं 525 एमबीबीएस चिकित्सकों की बंधपत्र के अनुक्रम में पदस्थापना की कार्यवाही की जा रही है। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर के कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर के 1015 पदों एवं एएनएम के 2 हजार पदों की पूर्ति भी की जाएगी।
- नागरिकों के स्वास्थ्य के संबंध में न्यायसम्य एवं समरूप स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी सरकार द्वारा स्वास्थ्य का अधिकार लागू करने का चुनौती पूर्ण निणर्य लिया गया है।
- प्रदेश में इस वर्ष तीन नये शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय प्रारंभ किए जाएंगे एवं विद्यमान महाविद्यालयों में सीट वृद्धि के साथ कुल 850 सीट की वृद्धि होगी।
- स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 203 सीटों की चरणबद्ध वृद्धि की जा रही है।
- वायरल जनित बीमारियों की जाँच के लिए प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों पर वायरोलॉजी लैब क्रमिक रूप से प्रारंभ किये जाने प्रस्तावित है।
- राष्ट्रीय आयुष मिशन के अन्तर्गत 100 आयुष वेलनेस सेंटर, 9 नवीन आयुष विंग तथा मंडलेश्वर में तीस बिस्तरीय आयुष चिकित्सालय प्रारंभ किये जाने प्रस्तावित हैं।
- स्वास्थ्य से जुड़े कार्यक्रमों के लिये रुपए 10 हजार 472 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है।
- गंभीर कुपोषित बच्चों का समुदाय स्तर पर प्रबंधन किये जाने के लिए नौ जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। महिला एवं बाल विकास से संबंधित कार्यक्रमों के लिए रुपए 5 हजार 293 करोड़ का बजट प्रावधान प्रस्तावित है।
- वर्ष 2019-20 में लगभग 83 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति का वितरण किए जाने का लक्ष्य है।
- भोपाल में आधुनिक तकनीकि से सुसज्जित राज्य स्तरीय पुस्तकालय का निर्माण प्रस्तावित है।
- प्रदेश के बुजुर्गों, विधवाओं एवं दिव्यांगों की आर्थिक आवश्यकताओं को संवेदनशीलता के साथ समझते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन रुपए 300 प्रतिमाह को दुगना कर रु. 600 प्रतिमाह किया गया है, जिसका लाभ 42 लाख से अधिक हितग्राहियों को मिल रहा है।
- प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हितों को संरक्षित करते हुये उन्हें शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश एवं शासकीय नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए आदेश जारी किए गये है।
- कन्या विवाह एवं निकाह की योजना में सरकारी सहायता की राशि रु. 28 हजार से बढ़ाकर रु. 51 हजार कर आय सीमा के बंधन को समाप्त किया गया। अब तक 52 हजार से अधिक हितग्राही लाभान्वित हुए हैं।
- आदिवासी हितग्राहियों को अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम के माध्यम से दिये गये रु. 1 लाख तक के ऋण माफ किए गए हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के माध्यम से दिए गए रु. 1 लाख तक के ऋण माफ करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
- अनुसूचित जाति विभाग अन्तर्गत 144 छात्रावास, आदिवासी कल्याण विभाग अन्तर्गत 43 छात्रावास एवं 65 कन्या शिक्षा परिसर के निर्माण कार्य पूर्ण किये जायेंगे।
- आदिवासी उपयोजना के अन्तर्गत रु. 33 हजार 466 करोड़ एवं अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए रु. 22 हजार 792 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो विगत वर्ष से क्रमश: 5 हजार 992 करोड़ एवं 4 हजार 58 करोड़ अधिक है।
- हमारी सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण का अभूतपूर्व निर्णय लिया है। इस वर्ग के लिए संचालित विभिन्न छात्रवृत्तियों में लगभग 40 लाख से अधिक विद्यार्थियों को लाभांवित करने का लक्ष्य हैं।
- प्रदेश के आदिवासियों के संस्कृति के संरक्षण एवं उनके कुल एवं ग्राम के देवी-देवता के स्थानों में निर्मित देवगुढ़ी, मढ़िया, देवठान के निर्माण/जीर्णोद्धार तथा सामुदायिक भवन निर्माण, सभा कक्ष, पेयजल, स्नानागार और शौचालय आदि की व्यवस्था के लिए आष्ठान योजना प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
- आदिवासी क्षेत्र के ग्रामीण हाट बाजारों में ए.टी.एम. स्थापित करने के लिये पायलेट प्रोजेक्ट प्रारंभ किया जा रहा है।
- श्रमिकों के कल्याण हेतु नया सवेरा कार्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया गया है।
- भोपाल-इंदौर एक्सप्रेस-वे का निर्माण कर सेटेलाइट टाउन, औद्योगिक क्षेत्र तथा ड्राय-पोर्ट विकसित किये जाने की योजना बनाई जा रही है। प्रदेश के विकास में यह एक अभूतपूर्व परिवर्तनकारी कदम होगा।
- हमारे कार्यकाल के दौरान इतिहास में सर्वाधिक 14,089 मेगावाट शीर्ष मांग की पूर्ति प्रदेश में की गई। इस वर्ष जनवरी से जून माह की अवधि में विगत वर्ष की तुलना में लगभग 465 करोड़ यूनिट अर्थात 13.9 प्रतिशत अधिक विद्युत प्रदाय की गई।
- वित्तीय वर्ष 2019-20 में विद्युत उपलब्धता क्षमता में 2,137 मेगावाट की वृद्धि का कार्यक्रम है। पारेषण कंपनी द्वारा 3,779 सर्किट कि.मी. पारेषण लाईनों एंव 6,308 एम.व्ही.ए. कुल क्षमता के अति उच्च दाब उपकेन्द्र के कार्य पूर्ण किए जाने के कार्यक्रम हैं। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड का कुल रु. 3,878 करोड़ निवेश का कार्यक्रम है।
- रीजनल कनेक्टिविटी के लिये भारत सरकार के साथ एम.ओ.यू. निष्पादित किया गया है। इससे वायु सेवा दतिया, रीवा, उज्जैन और छिंदवाड़ा में उपलब्ध होगी।
- शहरी विकास को गति प्रदान करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर के संस्थान अर्बन डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट का प्रायवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत गठन करने का निर्णय लिया गया है।
- राज्य के प्रमुख शहरों में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिये राज्य स्तरीय इलेक्ट्रानिक व्हीकल पॉलिसी पर राज्य सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है।
- इन्दौर में विद्युत खर्च कम करने के लिये सोलर लाईट की स्थापना एवं ग्रीन बॉण्ड जारी करने की कार्यवाही की जा रही है।
- सरकार ने समेकित और समग्र जल संरक्षण और प्रबंधन के लिये नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम प्रारंभ किया है। इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न शासकीय योजनाओं से तथा जनसहभागिता से बरसात के पानी को सहेजने तथा भू-जल संवर्धन के लिये विभिन्न कार्य किये जायेंगे।
- पर्याप्त मात्रा में संरक्षित एवं पीने योग्य पानी उपलब्धय कराने के लिये प्रतिबद्ध है।
- जल के सम्यक उपयोग, जल स्रोतों के संरक्षण एवं पेयजल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये ‘जल का अधिकार अधिनियम’ का प्रारूप बनाया जा रहा है।
- नदी पुनर्जीवन कार्यक्रम प्रथम चरण के तहत 36 जिलों में 40 नदियों को चयनित किया गया है।
- ग्रामीण पेयजल के लिए रु. 4 हजार 366 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है, जो विगत वर्ष से लगभग 46 प्रतिशत अधिक है।
- बड़े शहरों पर शहरीकरण का दबाव कम करने हेतु सेटेलाइट टाउन के विकास हेतु कार्यवाही की जायेगी तथा स्मार्ट सिटी योजना में सम्मिलित 7 नगर निगमों के अलावा अन्य शेष 9 नगर निगमों को आदर्श शहरों के रूप में विकसित किया जायेगा।
- इस वर्ष 14 से 19 नवम्बर के मध्य देशभक्ति पर केन्द्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
- सरकार ने अध्यात्म विभाग का गठन किया है। पुजारियों के मानदेय में 3 गुना वृद्धि के साथ उनके हितों की रक्षा हेतु पुजारी कल्याण कोष की स्थापना की जा रही है। इसी प्रकार मठ मंदिर सलाहकार समिति तथा नदियों के लिये पृथक न्यास की स्थापना की जायेगी। राम वनगमन पथ के अंचलों के विकास के लिये प्रावधान किया गया है।
- नया पर्यटन स्थल जबलपुर में नर्मदा नदी के तट पर नर्मदा रिवर फ्रन्ट विकसित किया जाना प्रस्तावित है।
- बांस उत्पादन पर भूमिहीन मजदूरों का अधिकार होगा।
- तेन्दूपत्ता संग्रहण से जुड़े श्रमिकों की मजदूरी को रूपये 2 हजार प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर रूपये 2 हजार 500 किया गया है।
- त्वरित प्रशासनिक निर्णयों के लिये अधिकारों का विकेन्द्रीकरण किया जा रहा है। जिला सरकार व्यवस्था को पुन: क्रियाशील कर प्रभावी बनाया जा रहा है।
- प्रदेश में वन्य जीवों एवं प्रकृति के मध्य विचरण हेतु डुमना नेचर सफारी का प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है।
- शासकीय सेवकों की सेवा शर्तों से संबंधित बिन्दुओं पर विचार के लिये आयोग का गठन किया जाएगा।
- महिला पुलिस कर्मचारियों के प्रशिक्षण हेतु रानी दुर्गावती प्रशिक्षण संस्थान प्रारंभ किया जा रहा है।
- पुलिस बल में आरक्षकों की नवीन भर्ती के समय नगर सैनिकों को उपयुक्त अवसर दिये जाने के लिये नियमों में आवश्यक प्रावधान किये जायेंगे।
- रेत माफियाओं का वर्चस्व समाप्त कर राजस्व आय की चोरी रोकने के लिये रेत खनन के लिये नवीन नीति बनाई गई है।
- राज्य में रियल स्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिये सरकार ने पूरे राज्य में संपत्ति की गाइडलाईन दूर को एक ही निर्णय में 20 प्रतिशत कम कर दिया।
- संपत्ति के अंतरण के पक्षकार अनावश्यक विधिक समस्याओं से बच सकेंगे और इससे कहीं अधिक संख्या में भूमि अंतरण के दस्तावेज पंजीकृत होंगे। इससे एक ओर तो लोगों के विधिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे, दूसरी ओर शासन को भी अधिक राजस्व प्राप्त हो सकेगा।
- महिला सशक्तीकरण के लिये संपत्ति में उनका अधिकार सुरक्षित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी अथवा बेटियों को अपने संपत्ति का सह खातादार बनाता है, तब उस पर सिर्फ रु. 1 हजार 100 खर्च होंगे। पूर्व व्यवस्था में सह-खातेदार के रूप में नाम जोड़ने पर संपत्ति के कुल मूल्य का 1.8 प्रतिशत का खर्च आता था।
- पारिवारिक विभाजन को सुगम बनाने के लिये विभाजन की लिखत पर देय स्टाम्प ड्यूटी को 2.5 प्रतिशत से कम कर मात्र 0.5 प्रतिशत किया गया है।
- इसी प्रकार, परिवार के सदस्यों के पक्ष में चल संपत्ति के दान पर देय स्टाम्प ड्यूटी व पंजीयन शुल्क को क्रमश: 2.5 प्रतिशत व 0.8 प्रतिशत से कम कर मात्र रु. 500 व रु. 100 क्रमश: तक सीमित किया गया है।
मुख्य आकर्षण - विनियोग की राशि में 20 प्रतिशत वृद्धि
- पूंजीगत व्यय में 21 प्रतिशत वृद्धि
- किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के बजट में 66 प्रतिशत वृद्धि
- जय किसान ऋण माफी योजना हेतु रु. 8000 करोड़ का प्रावधान
- इंदिरा किसान ज्योति एवं कृषि पंप हेतु रु. 7117 करोड़ का प्रावधान
- गेहूं पर रु. 160 बोनस हेतु राशि रु. 1600 करोड़ का प्रावधान
- कृषि क्षेत्र में रोजगार हेतु मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना प्रारंभ कर राशि रु. 100 करोड़ का प्रावधान
- सहकारी बैंकों को अंशपूंजी हेतु राशि रु 1000 करोड़ का प्रावधान
- पेंशन प्रदाय एवं मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाय योजना हेतु सामाजिक न्याय विभाग का बजट 43 प्रतिशत बढ़ाकर रु. 2891 करोड़ किया गया।
- युवा स्वाभिमान योजना हेतु विभागों में रु. 330 करोड़ का प्रावधान
- कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासियों को प्रदाय करने हेतु कानूनी प्रावधान पर कार्य किया जायेगा।
- शासकीय भूमि के बेहतर प्रबंधन हेतु Land Management Authority गठन किए जाने का प्रस्ताव
- जल संरक्षण हेतु 36 जिलों की 40 नदियों पर नी पुनर्जीवन अभियान
- पेयजल के अधिकार हेतु रु. 1000 करोड़ का प्रावधान
- स्वास्थ्य क्षेत्र में 32 प्रतिशत वृद्धि
- स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी हेतु सुषेण संजीवनी योजना
- स्वास्थ्य का अधिकार
- भोपाल इंदौर एक्सप्रेस-वे पर सैटलाइट टाउन, औद्योगिक क्षेत्र एवं ड्राईपोर्ट की योजना
- अनुसूचित जनजाति उपयोजना हेतु रु. 33,467 करोड़
- अनुसूचित जनजातियों की संस्कृति के संरक्षण के लिए अष्ठान योजना
- अनुसूचित जनजाति वित्त निगम के माध्यम से दिए गए 1 लाख तक के ऋण माफ
- अनुसूचित जाति उपयोजना हेतु रु. 22,793 करोड़
- अनुसूचित जाति वित्त निगम के माध्यम से दिए गए 1 लाख तक के ऋण माफ
- सड़क निर्माण एवं सिंचाई योजनाओं के लिए विशेष वित्तीय व्यवस्था
1 -मध्यप्रदेश में नई msme नीति की घोषणा 17 हजार युवाओं को दी जा रही है ट्रेनिंग।
2- किसानों के लिए कर्जमाफी के लिए प्रतिबद्धता के साथ किसान सलाहकार समिति का गठन,,उन्नत खेती के लिए ट्रेनिंग, किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पशुपालको को भी ।
3-महिलाओं के लिए ईरिक्शा योजना
4 – फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर स्पेशल फोकस
5- किसानों के लिए कृषक बन्धु योजना
6- मछलीपालन के लिए 16% ज्यादा बजट
7-गोशाला के लिए विशेष प्रावधान ,प्रति गोवंश 20 रुपये प्रतिदिन।
8- निजी क्षेत्रों में 70% स्थानीय लोगों को रोजगार हेतु कानून
9- डॉक्टरों के खाली पद भरे जाएंगे
10- स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध कराने को प्राथमिकता
11- ग्वालियर में डेली कालेज ओर फूड प्रोसेसिंग यूनिट
12 – प…
[12:42, 10/7/2019] DNT: 27 – 6 महीनों में सड़कों की सूरत बदल देंगे।
28 – भोपाल, जबलपुर, इंदौर में मेट्रो।
29- सिचाई योजना का विस्तार होगा।
30 – मध्यान्ह भोजन योजना को सशक्त किया जाएगा।
31 – राईट टू वायर स्किम लाएंगे।
32- आवास के लिए 6600 करोड़,ग्रामीणों के आवास के लिए प्राथमिकता।
33 – 30लाख किसानों का कर्ज माफ होगा।
जयकिसान योजन के लिए 8 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान।
गेहूं पर बोनस के 1600 करोड़ का प्रावधान।
कृषि क्षेत्र में रोजगार के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
पेंशन और कन्यादान योजना में बढ़ोतरी कर 2891 करोड़ किया गया।
युवा स्वभिमान योजना में 330 करोड़ रुपए का प्रावधान।
लैंड मैनेजमेंट ऑथोरिटी बनाए जाने का प्रावधान।
राइट टू वाटर के लिए 1 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान।
स्वस्थ सेवाओं के लिए सुषेण संजीविनी योजना लागू की जाएगी।
बजट में स्वस्थ के अधिकार को मिली जगह।
अनुसूचित जनजाति के लिए 33467 करोड़ का प्रावधान।
अनुसूचित जनजाति वित्त निगम के माध्यम से दिए गए 1 लाख तक के ऋण माफ किए जाएंगे।
अनुसूचित जनजाति उपयोजन के लिए 22793 करोड़ रुपए का प्रावधान।
सड़क निर्माण एवं सिंचाई योजनाओं के लिए विशेष वित्तीय व्यवस्था।
कृषि क्षेत्र को मिला 46559 करोड़ का बजट।
जय किसान फसल रिन माफी योजना के लिए 8 हज़ार करोड़ का प्रावधान।
प्रधनमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2201 करोड़ रुपए का प्रावधान।
उद्यानिकी विभाग के लिए 1116 करोड़ का प्रावधान।
वन विभाग की योजनाओं के लिए 2757 करोड़ का प्रावधान।
सहकारिता विभाग के लिए 2583 करोड़ का प्रावधान।
पशुपालन विभाग की योजनाओं के लिए 1204 करोड़ का प्रावधान।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास के लिए 17186 करोड़ रुपए का प्रावधान।
नगरीय विकास एवं आवास के लिए 15665 करोड़ रुपए का प्रावधान।
स्मार्ट सिटी के लिए 300 करोड़ का प्रावधान।
लोक निर्माण के लिए 9220 करोड़ रुपए का प्रावधान।
नर्मदा घाटी के लिए 3322 करोड़ का प्रावधान।
सिंचसी परियोजना में पूंजीगत मद में 6877 करोड़ रुपए का प्रावधान।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की योजनाओं के लिए 4366 करोड़ रुपए।
स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 24499 करोड़ रुपए का प्रावधान।
तकनीकी शिक्षा के लिए 1666 करोड़ रुपए का प्रावधान।
आदिमजाति कल्याण विभाग के लिए 7492 करोड़ रुपए का प्रावधान।
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए 821 करोड़ रुपए का प्रावधान।
अनुसूचित जाती विभाग के लिए 1696 करोड़ रुपए का प्रावधान।
अनुसूचित जाति छात्रावास के लिए 294 करोड़ रुपए का प्रावधान।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के लिए 7547 करोड़ रुपए।
चिकित्सा शिक्षा के लिए 2309 करोड़ रुपए का प्रावधान।
आयुष विभाग के अंतर्गत 481 करोड़ रुपए का प्रावधान।
महिला एवं बाल विकास के अंतर्गत 5292 करोड़ रुपए।
ऊर्जा क्षेत्र के अंतर्गत 9888 करोड़ रुपए का प्रावधान।
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग में 1012 करोड़ रुपए का प्रावधान।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत 1121 करोड़ रुपए का प्रावधान।
संस्कृति विभाग को 226 करोड़ रुपए का प्रावधान।
पर्यटन विभाग को 229 करोड़ रुपए का प्रावधान।
सामाजिक न्याय एवं नि:शक्जन कल्याण विभाग के अंतर्गत 2891 करोड़ का प्रावधान।
गृह विभाग की योजनाओं के लिए 7634 करोड़ रुपए का प्रावधान।
केंद्रीकृत पुलिस कॉल सेंटर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र के लिए 122 करोड़ रुपए का प्रावधान।
विधि एवं वुधायी कार्य विभाग के अंतर्गत 2210 करोड़ रुपए का प्रावधान।
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