भारतीय संस्कृति में मातृशक्ति सर्वोच्च : सिया बिना राम अधूरे

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय संस्कृति और संस्कार में मातृ-शक्ति सर्वोच्च है। धन, ज्ञान और बल तीनों शक्ति मातृशक्ति में अंतर्निहित है। सिया-राम, गौरी-शंकर, राधा-कृष्ण के बिना अधूरे हैं। श्री चौहान आज यहाँ स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2015 के पुरस्कार वितरित कर रहे थे। कार्यक्रम में बाबा रामदेव, महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह, ऊर्जा, खनिज एवं जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में बेटियों को बोझ नहीं वरदान माना जा रहा है। यहाँ 21 लाख लाड़ली लक्ष्मियाँ हैं। शिक्षा के लिए किताब, गणवेश, साइकिल और छात्रवृत्ति की योजनाएँ हैं। बारहवीं परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाली बेटियों को लैपटॉप भी दिये जाते हैं। स्थानीय निकायों में 56 प्रतिशत महिलाएँ निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। महिलाओं के लिये अध्यापन में 50 प्रतिशत और पुलिस सहित सभी सरकारी सेवाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि स्वयं का उद्योग लगाने के लिये भी बैंक ऋण की गारंटी सरकार ले रही है। ब्याज पर भी छूट दी जाती है। बेटियों की शादी के लिये भी माता-पिता को कर्ज नहीं लेना पड़ता है। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में बेटियों की शादी कराई जाती है। उन्होंने बेटियों का आव्हान किया कि वे खूब पढ़ें, आगे बढ़ें, सरकार का उन्हें भरपूर सहयोग मिलेगा।

बाबा रामदेव ने कहा कि पतंजलि संस्थान की आय का अधिकांश भाग शिक्षा में व्यय किया जाएगा। इसमें प्राथमिकता बालिका शिक्षा को दी जाएगी। प्रयास है कि विश्व का नेतृत्व करने वाली प्रतिभाएँ भारत भूमि में तैयार हों। उन्‍होंने कहा कि वंश परिवार से कोई बड़ा नहीं होता। जिसमें आत्म-बल है जो कुछ करने की जिद, जोश, और जुनून के साथ संकल्पित है, वही साधारण से असाधारण बनता है। उन्होंने कहा कि योग से ही देश बदलेगा। आज दुनियाभर की विभूतियाँ योग कर रही हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के व्यक्तित्व की भरपूर सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि बेटियों के सशक्तिकरण के लिये जितनी योजनाएँ मध्यप्रदेश में संचालित हैं, दुनिया में शायद ही कहीं हों। उन्होंने कहा कि ऐश्वर्य के लिये कई मुख्यमंत्रियों के चर्चें होते हैं, जबकि मुख्यमंत्री श्री चौहान सादगी और विनयशीलता के लिये जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि बेटी बचाने के लिये देश में सबसे पहले पहल करने वाले मुख्यमंत्री भी श्री चौहान ही हैं।

प्रारंभ में आई.बी.सी.24 चैनल चेयरमेन श्री सुरेश गोयल ने बताया कि चैनल द्वारा प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश शिक्षा मंडल की 12वीं परीक्षा में प्रत्येक जिले की टॉपर बालिका को 50 हजार और राज्य की टॉपर को एक लाख रूपये से पुरस्कृत किया जाएगा। राज्य स्कॉलरशिप प्राप्त करने वाली छात्रा के विद्यालय को भी एक लाख रूपये का नगद पुरस्कार दिया जाएगा। आभार चैनल हेड श्री अभय किशोर ने माना।

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