-
दुनिया
-
Bhopal की Bank अधिकारी की यूरोप में ऊंची चढ़ाई, माउंट Elbrus पर फहराया तिरंगा
-
भोपाल के दो ज्वेलर्स ने बैंकों को गोल्ड लोन में लगाया 26 करोड़ का चूना, यूको बैंक की चार शाखा को ठगा
-
UNO के आह्वान पर JAYS ने मनाया विश्व आदिवासी दिवस, जल, जंगल और जमीन के प्रति जागरूक हुए आदिवासी
-
बागेश्वर सरकार की ज़िंदगी पर शोध करने पहुची न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालय की टीम
-
Rahul Gandhi ने सीजफायर को BJP-RSS की सरेंडर की परंपरा बताया, कहा Modi करते हैं Trump की जी हुजूरी
-
बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मैनेजर सहित आठ को जेल
प्रदेश के मालवा क्षेत्र स्थित रतलाम जिले के विशेष न्यायाधीश ने बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व मैनेजर सहित आठ लोगों को जेल भेजने के आदेश किए हैं। बैंक में एक करोड़ 10 लाख रुपए के फर्जी ऋण मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने 23 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया था जिनमें से 15 को जमानत दे दी गई है।
भृष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष व प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश एमएस चंद्रावत की अदालत में ईओडब्ल्यू ने इस मामले का चालान पेश किया है। यह मामला पांच साल पहले सामने आया। वर्ष 2010 के दौरान बैंक ऑफ इंडिया की बजाज खाना शाखा के तत्कालीन प्रबंधक बद्रीलाल पाटीदार और सहायक प्रबंधक दिलीपकुमार मेहता ने एजेंट राधेश्याम पाटीदार के साथ मिलकर करीब 1 करोड; 10 लाख के फर्जी ऋण स्वीकृत कर आपस में बांट लेने का घोटाला किया था। अन्वेषण ब्यूरो को वर्ष 2012 में इसकी शिकायत मिली थी, जिसकी जांच के दौरान इसमें कुल 40 लोगों को घोटाले में शामिल होना पाया गया। ए। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने 38 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया था, जिसमें से न्यायालय में 23 आरोपी ही उपस्थित हुए थे। अदालत ने बैंक के सहायक मैनेजर दिलीप कुमार मेहता और दो वकीलों सहित 15 लोगों को जमानत पर रिहा कर दिया। जिन आठ लोगों को जेल भेजा गया है उनमें तत्कालीन बैंक प्रबंधक बद्रीलाल पाटीदार, मुकेश पाटीदार, हरीश पाटीदार, मनोज सोलंकी, अनोखीलाल पाटीदार, दशरथ पाटीदार, महेश पाटीदार और मदनलाल पाटीदार शामिल है। ज्ञातव्य है कि इसमें शामिल मैनेजर को बैंक ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है, जबकि सहायक मैनेजर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ईओडब्ल्यू की जांच के दौरान जिन 38 आरोपियों के खिलाफ जांच की गई उनमें से करीब 5 की मृत्यु हो चुकी है।
Leave a Reply