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असम के पत्रकार दल ने स्मार्ट सिटी की जानकारी ली
असम के पत्रकार दल ने आज भोपाल में बनने वाली स्मार्ट सिटी की जानकारी ली और इसके लिये अब तक किये गये कार्यों को देखा भी। उन्होंने होशंगाबाद रोड पर नगर निगम द्वारा बनाये गये सायकिल ट्रेक और सायकिल स्टेण्ड को भी देखा। पत्रकारों को स्मार्ट इलेक्ट्रिक पोल भी दिखाये गये। इन पोलो पर आधुनिक कैमरे लगाये गये हैं।
भोपाल नगर निगम कमिश्नर श्रीमती प्रियंका दास ने पत्रकार दल को बताया कि केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय स्मार्ट सिटी मिशन में भोपाल की स्मार्ट सिटी का चयन किया गया है। भोपाल झीलों का शहर है और यहाँ बड़ी संख्या में पुरातत्व धरोहर हैं। इन धरोहरों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट सिटी का विकास किया जायेगा। तात्या टोपे नगर के 342 एकड़ क्षेत्र को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस क्षेत्र में 60 हजार आबादी को अगले 20 वर्षों में स्वास्थ्य केन्द्र, स्कूल, लायब्रेरी, कम्युनिटी हाल, स्पोर्टस काम्पलेक्स, आधुनिक पार्क की सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी। तात्या टोपे नगर जोन में 3 मेट्रो लाईन्स प्रस्तावित की जायेंगी। स्मार्ट सिटी में आधुनिक जल आपूर्ति, पॉवर सप्लाई और पर्यावरण के संरक्षण के अनुकूल भवनों का निर्माण किया जायेगा। नगर निगम कमिश्नर ने पत्रकारों को राजधानी भोपाल की अन्य विकास योजनाएँ और हाल ही में निर्मित राजाभोज पुल के बारे में भी बताया।पत्रकारों ने देखा माधव राव सप्रे समाचार पत्र संग्रहालयअसम के पत्रकारों ने आज भोपाल स्थित माधव राव सप्रे स्मृति समाचार पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान का भी भ्रमण किया। संग्रहालय के संस्थापक पद्मश्री श्री विजयदत्त श्रीधर ने इन्हें बताया कि संग्रहालय में 25 हजार 300 समाचार-पत्र पत्रिकाएँ, एक लाख 16 हजार पुस्तकें, एक हजार पाण्डुलिपियाँ, मूर्धन्य संपादकों, लेखकों के 25 हजार पत्र, वर्ष 1934 के दुर्लभ दस्तावेज और 4 हजार 605 संदर्भ फाइलें हैं। उन्होंने बताया कि इस संस्थान में करीब एक हजार शोधार्थियों ने अपनी थिसेस पूरी की है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत राज्य के हाई स्कूलों और हाई सेकेण्डरी स्कूलों के शिक्षकों के समूह को प्रशिक्षण दिया गया है। संस्थान ने समाचार पत्रों से संबंधित पुस्तकों के प्रकाशन भी किये हैं। पत्रकारों ने संस्थान के विभिन्न गैलरियों में जाकर दस्तावेजों को देखा। संस्थापक श्री विजयदत्त श्रीधर ने पत्रकारों को भारत और मध्यप्रदेश में समाचार पत्रों के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी।