भारतीय वायु सेना ने सुखोई लड़ाकू विमान से मिसाइल का सफल परीक्षण किया

सुपर सोनिक क्रूज मिसाईल ब्रह्मोस का आज पहली बार सफल वायु परीक्षण किया गया। इसे भारतीय वायुसेना के सुखोई लड़ाकू विमान से छोड़ा गया। इससे पहले भारत ब्रह्मोस का जमीन तथा समुद्र से परीक्षण कर चुका है।

ब्रह्मोस मिसाईल ढाई टन वजन की हवा से जमीन पर मार करने वाली ध्‍वनि से दो दशमलव आठ गुना तेज चलने वाली क्रूज मिसाईल है, जिसकी मारक क्षमता चार सौ किलोमीटर से अधिक है। रक्षा विशेषज्ञ पी.एस.अहलुवालिया ने बताया कि इससे देश की वायु रक्षा शक्ति में महत्‍वपूर्ण बढ़ोतरी हुई है।

ब्रम्‍होस भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- डी आर डी ओ और रूस के एन पी ओ का एक संयुक्‍त उद्यम है।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने ब्रम्‍होस के पहले सफल वायु परीक्षण से जुड़ी पूरी टीम को बधाई दी है। एक ट्वीट में श्री मोदी ने कहा कि इस उल्‍लेखनीय कामयाबी पर उन्‍हें बहुत प्रसन्‍नता है।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि भारत ने विश्‍व रिकॉर्ड बनाया है। एक ट्वीट में उन्‍होंने ब्रम्‍होस अभियान दल और रक्षा अनुसंधान तथा विकास संगठन – डी आर डी ओ, को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

ब्रह्मोस के परीक्षण के बाद नई दिल्‍ली में मीडिया से बात करते हुए वायुसेना के जनसम्‍पर्क अधिकारी अनुपम बैनर्जी ने कहा कि ब्रह्मोस मिसाइल भारत में बनाई गई है। यह मिसाइल सफलता पूर्वक परीक्षण के बाद निर्धारित लक्ष्‍य भेदने में सफल रही। उन्‍होंने कहा कि इसके परीक्षण से भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में उल्‍लेखनीय वृद्धि हुई है।

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