स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने खाद्य पौष्टीकरण पर एफएसएसएआई की रिपोर्ट पेश की

स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण राज्‍य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज यहां विश्‍व खाद्य दिवस के अवसर पर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा ‘पोषण सुरक्षा : भागीदारी एवं अभिसरण’ पर आयोजित राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन के दौरान ‘भारत में व्‍यापक खाद्य पौष्‍ट‍ीकरण-अब तक की यात्रा और आगे की राह’ पर एक व्‍यापक रिपोर्ट पेश की। श्री चौबे ने इस अवसर पर खाद्य पौष्‍टीकरण (फूड फोर्टिफिकेशन) वेबसाइट भी लांच की। श्रीमती प्रीति सूडान, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में सचिव एवं स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय में सचिव (नामित) और श्रीमती विजया श्रीवास्‍तव, विशेष सचिव एवं वित्‍तीय सलाहकार (स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय) भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।श्री चौबे ने अपने मुख्‍य संबांधन में कहा कि केवल यह पर्याप्‍त नहीं है कि भोजन उपलब्‍ध है, बल्कि भोजन को पौष्टिक भी होना चाहिए। उन्‍होंने पोषण युक्‍त खाद्य पदार्थों के बारे में जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर विशेष बल दिया और इसके साथ ही खाद्य पदार्थों में मिलावट के प्रति आम जनता को आगाह किया।इस अवसर पर भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने अपनी एक नई पहल ‘इंडियन फूड रिकवरी एलायंस (आईएफआरए)’ का आगाज किया, जो देश में ‘खाद्य पुनर्प्राप्ति साझेदारों’ का एक गठबंधन है और जिसका उद्देश्‍य भारत में भुखमरी की समस्‍या से निपटना और खाद्य पदार्थों की बर्बादी की रोकथाम करना है।‘खाद्य पुनर्प्राप्ति साझेदारों’ ने इस अवसर पर खाद्य पदार्थों की पुनर्प्राप्ति के अपने मौजूदा मॉडलों का प्रदर्शन किया और इसके साथ ही एक ऐसे एकीकृत वेब आधारित प्‍लेटफॉर्म का भी प्रदर्शन किया, जिसे अभी विकसित किया जा रहा है। प्रायोगिक आधार पर जारी किये गये इस वेब आधारित प्‍लेटफॉर्म के जरिए इच्‍छुक दानदाता, व्‍यक्ति एवं स्‍वयंसेवक इस पहल का एक हिस्‍सा बनने के लिए खुद का पंजीकरण करा सकते हैं। इसके तहत दानदाता अपनी व्‍यक्तिगत लॉग-इन के जरिए खुद के द्वारा दान किये गये खाद्य पदार्थों से जुड़े सभी आंकड़ों, जानकारियों एवं ताजा स्थिति पर नजर रख सकते हैं। इस प्‍लेटफॉर्म के जरिए खाद्य पदार्थों की हानि एवं इनकी बर्बादी की रोकथाम करने और अतिरिक्‍त बचे खाद्य पदार्थों की सुरक्षित पुनर्प्राप्ति (रिकवरी) करने के बारे में नागरिकों, खाद्य पदार्थों से जुड़े कारोबारियों और विभिन्‍न खाद्य पुनर्प्राप्ति एजेंसियों का मार्गदर्शन भी हो सकता है।सम्‍मेलन के दौरान एफएसएसईआई ने अब तक खाद्य पौष्‍टीकरण की दिशा में हुई प्रगति पर चर्चा एवं समीक्षा की, विभिन्‍न अनुभवों और महत्‍वपूर्ण जानकारियों को साझा किया तथा इसके साथ ही आगे की राह पर चर्चा करने के लिए विभिन्‍न हितधारकों को आमंत्रित किया। प्रमुख केन्‍द्रीय मंत्रालयों द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं और इस दिशा में प्रगतिशील राज्‍य सरकारों जैसे कि कर्नाटक एवं मध्‍य प्रदेश और केन्‍द्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने मंत्रिस्‍तरीय कार्यदलों का गठन किया है। विकासात्‍मक साझेदारों ने अपने संसाधनों के जरिए इसमें सहयोग देने का संकल्‍प व्‍यक्‍त किया है।एफएसएसआई ने भारत में समस्‍त क्षेत्रों से जुड़े निकायों के नेटवर्कों के एक समग्र नेटवर्क का सृजन करने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी से लाभ उठाते हुए सभी हितधारकों के बीच आसान संचार व्‍यवस्‍था कायम करने का लक्ष्‍य रखा है, ताकि प्रत्‍येक निकाय एकसमान दिशा में कार्यरत होते हुए खाद्य पदार्थों की बर्बादी कम करने के लिए आवश्‍यक कदम उठा सके। खाद्य पौष्‍टीकरण के अगले चरण में उपभोक्‍तओं से संपर्क बढ़ाया जाएगा, ताकि खाद्य पौष्‍टीकरण की जरूरत से लोगों को अवगत कराया जा सके।इस अवसर पर एफएसएसएआई के चेयरमैन श्री आशीष बहुगुणा, एफएसएसएआई के सीईओ श्री पवन अग्रवाल और मंत्रालय के अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारीगण तथा विकासात्‍मक साझेदारों एवं सिविल सोसायटी संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

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