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महंत मोहनदास के लापता होने की गुत्थी उलझी
बड़ा उदासीन अखाड़े के महंत मोहनदास के लापता होने की गुत्थी उलझ गई है। हरिद्वार से कल्याण के लिए चले बाबा मोहनदास दिल्ली स्टेशन के बाद से ही लापता हो गए थे। उनकी मोबाइल फोन के जरिये मध्यप्रदेश के गुना में अंतिम लोकेशन मिली थी और शाम को उनके इंदौर में मिलने की। मगर जब इंदौर पुलिस ने खोजबीन की तो वहां उनका कोई पता नहीं चला। बाबा का सामान जरूर कल्याण स्टेशन पर पहुंच गया है। मध्यप्रदेश पुलिस के अधिकारियों के लगातार विरोधीभासी बयानों से बाबा मोहनदास के लापता होने का मामला उलझता जा रहा है।
भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रवक्ता महंत बाबा मोहनदास के लापता होने की खबर शनिवार शाम को आने के बाद से उनकी तलाश शुरू हुई और सुबह गुना पुलिस के पास एक सूचना आई कि मोहनदास की अंतिम लोकेशन गुना के पास मिली है। इसके बाद मध्यप्रदेश की रेल पुलिस और ग्वालियर जोन की पुलिस सक्रिय हुई। रेल पुलिस के एडीजी जीपी सिंह ने घटनाक्रम के बारे में कुछ इस तरह बताया कि महंत मोहनदास हरिद्वार से कल्याण के लिए ट्रेन नंबर 12172 के ए-1 कोच में सवार हुए थे। मगर दिल्ली में उन्हें रेल कर्मी ने नहीं देखा बल्कि उनका सामान जरूर कोच में रखा था। बाद में उनका सामान कल्याण जंक्शन पर उतार लिया गया लेकिन महंत मोहनदास वहां नहीं पहुंचे।
वहीं गुना पुलिस ने मोहनदास के लापता होने तथा अंतिम लोकेशन गुना में पाए जाने की सूचना पर तलाश शुरू की। ट्रेन नंबर 12172 का रूट गुना होकर नहीं था तो गुना पुलिस ने दूसरी ट्रेनों में तलाशी ली कि कहीं किसी दूसरी ट्रेन से तो महंत मोहनदास नहीं जा रहे। उनके लापता होने की सूचना को लेकर जब नवदुनिया ने पीएचक्यू के आला अफसरों से जानकारी लेने का प्रयास किया तो विशेष शाखा के अफसरों ने महंत मोहनदास के इंदौर में कागदीपुरा के आश्रम में होने की जानकारी दी। इसकी पुष्टि पुलिस महानिदेशक आरके शुक्ला ने भी की।
दूसरी तरफ इंदौर पुलिस ने महंत मोहनदास के राधे-राधे आश्रम में रुके होने की सूचना पर एक पुलिस अफसर राधे-राधे बाबा के छत्रीबाग स्थित आश्रम पहुंचे और उनकी जानकारी ली। राधे-राधे बाबा ने कहा कि मोहनदास पहले उनके यहां कभी नहीं रुके। लंबे समय से उनसे कोई संपर्क भी नहीं है। पाटनीपुरा स्थित उदासीन आश्रम के मंदिर के महंत अमरमुनी ने भी सोनकच्छ और शहर के अन्य संतों से मोहनदास के बारे में जानकारी निकाली, लेकिन उन्हें भी इंदौर में उनके नहीं होने की पुष्टि की। इंदौर डीआईजी हरीनारायणचारी मिश्र ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी महंत कागदीपुरा स्थित आश्रम में आ गएहैं लेकिन तस्दीक करने पर वे वहां नहीं मिले। देर रात को पुलिस के पीएचक्यू के आला अफसरों से लगातार मोबाइल फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया और एसएमएस से भी महंत मोहनदास की लोकेशन को लेकर जानकारी जानने का प्रयास किया गया, मगर कोई उपलब्ध नहीं हो सका।
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