भाजपा नेता और आवास संघ के पूर्व चेयरमेन सुशील वासवानी के बैरागढ़ स्थित माल में प्रापर्टी खरीदने वाले का पैसा अब पानी में चला गया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा बेनामी प्रापर्टी माल अटैच करने के बाद बेनामी प्रपर्टी के सेक्सन-67 के तहत सभी रजिस्ट्रियां अथवा अनुबंध पत्र को शून्य किया जाना है, जिसकी प्रक्रिया जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी। वहीं इनवेस्टिगेशन विंग ने इस माल तथा बेनामी प्रापर्टी के संबंध में सारी रिपोर्ट तथा सभी दस्तावेज एडजुडीकेटिंग एथारिटी दिल्ली को भेज दी है।
एडजुडीकेटिंग अथारिटी दिल्ली में अपना पक्ष रखने के लिए वासवानी को एक माह का समय दिया गया है। इसके बाद अटैचमेंट के साथ ही उन पर प्रसिक्यूशन भी लांच किया जा सकता है। अगर वह एडजुडीकेटिंग अथारिटी के पास जाते हैं तो इस मामले का फैसला करीब जुलाई 2018 के अंदर किया जाएगा। बेनामी प्रपर्टी मामले में नोटिस से लेकर सभी तरह की प्रक्रिया के लिए अगल-अलग समय निर्धारित किया जाएगा। इधर माल में दुकान, आफिस स्पेश तथा अन्य प्रापर्टी खरीदने वालों को तब तक उसका तब तक स्वामित्व नहीं दिया जाएगा जब तक केस फाइन नहीं हो जाता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अब बेनामी प्रापर्टी को अटैच करने के बाद उसे डिस्पोज करने के लिए एक अलग से बिंग बनाई जाएगी। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बेमनामी प्रापर्टी के मामले में भाजपा नेता और आवास संघ के पूर्व चेयरमेन सुशील वासवानी की दस करोड़ रूपए की प्रापर्टी अटैच कर ली है। वासवनी बैरागढ़ में सन विजन इन्फ्रास्टेक्चर एंड गुरूमुखदास कांटेक्टर के नाम से माल बनाया था। इस माल में करीब उन्होंने चार करोड़ रूपए से अधिक रूपए निवेश किया है। वहीं इस मामले में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि इसमें प्रापर्टी खरीदने वाले कौन-कौन से लोग हैं। डिपार्टमेंट ने बेनामी प्रापर्टी का नोटिस एक माह पहले जारी किया था, पड़ताल के बाद उन पर बेनामी प्रापर्टी एक्स का मामला दर्ज किया गया। इन मामल की जानकारी सीबीडीटी को भेजी गई थी, जिस पर सीबीडीटी ने अपनी स्वीकृति भी दे दी थी। इसके बाद बेनामी प्रापर्टी बिंग ने बैरागढ़ स्थित उनके द्वारा बनाए गए माल सहित कुछ अन्य प्रापर्टी को अटैच कर लिया है। गौरतलब है कि महानगर को-आपरेटिव बैंक बैरागढ़ में तथा वासवानी के घर पर नोट बंदी के दौरान सर्च की कार्रवाई की थी। बैंक में करीब 160 खातों में सस्पेक्टेड राशि जमा की गई है। जबकि इस बैंक में करीब दो हजार खाते हैं, ज्यादातर बैंक बेनामी मिले थे।
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