शहला मसूद हत्याकांड की दोषी जाहिदा परवेज और सबा फारूकी को हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने सशर्त जमानत दी है। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने जनवरी में इन दोनों सहित चार लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की हत्या के मामले में पांच साल, पांच महीने 13 दिन तक चली जांच थी, पेशी, गवाही के बाद सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। यह उन चंद मामलों में शामिल है, जो घटना के महज 17 दिन बाद ही सीबीआई को सौंप दिया गया था। फिर भी अफसरों के हाथ इसका एक भी ऐसा सिरा हाथ नहीं लगा था, जिससे वे हत्यारे और साजिश रचने वालों तक पहुंच जाएं।
बाद में एक-एक सबूत और गवाह जोड़े गए तो इश्क, ईर्ष्या, इंतकाम, जुनून और जज्बातों से भरे रिश्तों के रहस्यों भरी कत्ल की यह कहानी कदम-कदम पर अंत तक उलझती रही। इसी कसमकश के बीच चार्जशीट के अध्ययन, पांच साल तक कोर्ट में बहस चली। सजा के बाद दोनों को एक ही जेल में रखा गया था, जहां दोनों का बाकी कैदियों के साथ झगड़ा होता था। इसके बाद ही दोनों को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट कर दिया गया था।
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