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डॉ. आयुषी के साथ फिर सात फेरे लेंगे भय्यूजी महाराज
हाई प्रोफाइल राष्ट्रीय संत भय्यूजी महाराज एक बार फिर विवाह करने वाले हैं। यह खबर चौंकाने वाली जरूर हो सकती है लेकिन सच है। आगामी 30 अप्रैल को वे इंदौर में ही शर्मा परिवार की बेटी डॉ. आयुषी के साथ सात फेरे लेकर विवाह के बंधन में बंध जाएंगे। इंदौर के सिल्वर स्प्रिंग क्लब हाउस में आयोजित विवाह समारोह में भय्यूजी महाराज के अत्यंत करीबी लोगों को कार्ड भेजकर आमंत्रित किया गया है। भय्यूजी महाराज के शिष्य अचानक लिए गए इस फैसले से अचंभित हैं। उल्लेखनीय है कि भय्यूजी महाराज करीब एक वर्ष पूर्व सार्वजनिक जीवन से सन्यास लेने की घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने पिछले काफी दिनों से हाईप्रोफाइल लोगों और नेताओं से दूरी भी बना ली है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ करीब एक वर्ष पूर्व पत्नी माधवी की मौत के बाद से भय्यूजी महाराज खुद को बहोत अकेला महसूस कर रहे थे। माधवी मूल रूप से औरंगाबाद की रहने वाली थी। लंबे समय से वे अलग ही रह रही थीं। उनकी एक बेटी कुहू है, जो पुणे में रहकर पढ़ाई कर रही है। कई ट्रस्ट होने के बाद भी भय्यूजी महाराज द्वारा खुदको कर्ज में डूबा घोषित कर दिए जाने के बाद एक बार फिर वे चर्चाओं में आये थे। पत्नी के निधन के बाद आश्रम में ही रहने वाली एक महिला के साथ उनके संबंधों की चर्चा भी सुनी गई। अंततः उन्होंने इस सम्बन्ध को स्वीकार कर समाज के सामने लाने का फैसला कर लिया। अब उस महिला को वे जीवनसाथी के रूप में अपनाने जा रहे हैं।
कौन हैं भय्यू महाराज
भय्यू महाराज का वास्तविक नाम उदयसिंह देखमुख है। उनका जन्म शुजालपुर के एक किसान परिवार में हुआ था। उनका मुख्य आश्रम इंदौर स्थित बापट चौराहे पर है। सदगुरु दत्त धार्मिक ट्रस्ट उनके सानिध्य में संचालित होता है। पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, पीएम नरेंद्र मोदी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देखमुख, शरद पवार, लता मंगेशकर, उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी भी उनके आश्रम आ चुके हैं।
सद्भावना उपवास के दौरान मोदी ने बुलाया था गुजरात
– वे चर्चा में तब आए जब अन्ना हजारे के अनशन को खत्म करवाने के लिए तत्कालीन केंद्र सरकार ने अपना दूत बनाकर भेजा था। बाद में अन्ना ने उनके हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ा था। गतवर्ष मप्र सरकार द्वारा सिंहस्थ श्रृंखला के तहत इंदौर में धर्म-धम्म सम्मेलन आयोजित किया गया था। इसमें समय पर आमंत्रित ना करने के चलते उन्होंने सरकार की तीखी आलोचना की थी।
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