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विचार और चेतना के अनुष्ठान के रूप में जारी है नर्मदा सेवा यात्रा
नैसर्गिक संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन के प्रति चेतना जागृति के लिए शुरू की गई ‘नमामि देवी नर्मदे’- सेवा यात्रा हर वर्ग का ध्यान अपनी ओर खींचने में कामयाब हो रही है। जन-जीवन में सुख, समृद्धि और विकास के लिए तथा अपने संस्कारों को अपनी दिनचर्या में पुन: शामिल करने के अहम् संदेश के साथ आंरभ हुई। यह यात्रा अपने 8वें जिले हरदा के ग्राम खरदना पहुँच गई है।
यात्रा के दौरान विचारकों, समाजसेवियों और जन-प्रतिनिधियों ने कहा कि यात्रा आम लोगों को जीवन के संस्कारों से जोड़ रही है। ग्रामीणों को यह समझाया गया कि स्व-इच्छा से ही स्वच्छता होगी। इसके लिए कोई नियम-कानून लागू करने की जरूरत नहीं। स्वच्छता का संस्कार हमें खुले में शौच करने से रोकेगा और नदियों में पूजन सामग्री कुण्डों में विसर्जित करने की प्रेरणा देगा।
ग्राम रातातलाई के बुजुर्ग श्री रत्ना जी और श्री रमेश ने बताया कि माँ नर्मदा के प्रति तो पहले से अटूट श्रद्धा है लेकिन इस यात्रा ने हमें अपने गाँव और माँ नर्मदा को स्वच्छ रखने का संदेश दिया है। श्री भगवानसिंह राजपूत 75 किलोमीटर दूर दीप गाँव से यात्रा में शामिल होने आए हैं। श्री सिंह अपनी मोटरसाईकल में पूरी पूजन सामग्री लेकर चल रहे हैं। साथ में कन्याओं को बाँटने के लिये टॉफी भी।
नमामि देवी नर्मदा यात्रा लोगों को यह एहसास कराने में कामयाब होती दिख रही है कि उन्होंने जंगलों की अन्धाधुंध कटाई कर नदियों में गंदगी फैला कर अपनी ही सुख-समृद्धि में ग्रहण लगाया है। इस यात्रा की प्रेरणा से नदी, जंगल तथा जीव-जन्तुओं के संरक्षण और संवर्धन में आम नागरिक अपने आपको पूर्ण रूप से तैयार कर समर्पित दिख रहे हैं।
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