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केदार नहीं उदार है आदिवासी केदार
नर्मदा सेवा के लिए जनमानस तन मन धन से जुटा है। हरदा जिले के रातातलाई खरदना मार्ग पर अपनी झोपड़ी बनाकर रहनें वाले आदिवासी केदार मजदूरी कर पत्नी और तीन बच्चों की रोटी के जुगाड़ में दिन भर जुटे रहते हैं। इसके बाद भी केदार ने नर्मदा सेवा यात्रियों के भोजन के लिए 300 रुपए सहयोग दिया है तो वह राशि की तुलना में अतुलनीय है। केदार की पत्नी वसुबाई नर्मदा कलश की पूजा के लिए थाल सजाने में लगी थी, तो बच्चों ने रांगोली बनाई और जिन्दाबाद लिखे पुराने फ्लेक्स की उलटी तरफ अपना यात्रा स्वागत संदेश लिखा है। कुल जमा सभी जगह पूरे उत्साह के साथ यात्रा का स्वागत किया जा रहा है।
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