बिस्टान उदवहन सिंचाई योजना

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 15 जनवरी को बिस्टान उदवहन सिंचाई योजना का भूमि-पूजन करेंगे। कार्यक्रम जिला खरगोन के ग्राम बिस्टान में अपरान्ह 2 बजे से होगा। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री लाल सिंह आर्य, सांसद श्री नंदकुमार सिंह चौहान और सुभाष पटेल विशिष्ट अतिथि होंगे। विशेष अतिथि के रूप में विधायक श्री बालकृष्ण पाटीदार, श्री विजय सिंह सोलंकी, श्री हितेन्द्र सिंह सोलंकी, श्री राज कुमार मेव, श्रीमती झूमा सोलंकी, श्री सचिन यादव और खरगोन जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कमला केदार डाबर शामिल होंगे।

इंदिरा सागर वृहद सिंचाई परियोजना से खरगोन जिले में सिंचित होने वाले 69 हजार हेक्टेयर रकबे के बावजूद गोगांवा] भगवानपुरा और खरगोन तहसीलों का अधिकांश क्षेत्र सिंचाई कमाण्ड क्षेत्र से छूट रहा था। इस क्षेत्र में परम्परागत सिंचाई साधनों की कमी के साथ ही सम्पूर्ण क्षेत्र कम वर्षा क्षेत्र की श्रेणी में आता है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण द्वारा इस क्षेत्र को नर्मदा जल से सिंचित करने के लिये उद्ववहन सिंचाई प्रणाली की रूपरेखा तैयार की गई है। इस प्रणाली से उपरोक्त तहसीलों का 22 हजार हेक्टेयर रकबा सिंचित हो सकेगा। इस प्रकार यह प्रणाली इस क्षेत्र के किसानों की खुशहाली का स्थाई साधन सिद्ध होगी।

योजना में खरगोन जिले के ग्राम मोहम्मदपुर के पास इंदिरा सागर परियोजना की मुख्य नहर के आर.डी. 101 किलोमीटर पर जेकवेल का निर्माण कर 8 क्यूमेक्स जल का उद्ववहन पम्पों द्वारा किया जायेगा। उद्ववहन किया हुआ जल 8 किलोमीटर लंबी राइजिंग मेन के माध्यम से देवलगांव स्थित बूस्टर पम्प तक ले जाया जायेगा। इस स्थान से अगली 8 किलोमीटर लंबी राईजिंग मेन से उद्ववहन कर ग्राम मेहरघटी के निकट वितरण चेम्बर क्र. 1 में छोड़ा जायेगा। इस वितरण चेम्बर से 14 हजार 680 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। वितरण चेम्बर क्रं.1 से 6 किलोमीटर लंबी राईजिंग मेन के माध्यम से 2.304 घनमीटर पानी वितरण चेम्बर क्रं.2 में छोड़ा जायेगा। इस वितरण चेम्बर से 7,320 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा।

सिंचाई प्रणाली की विशेषता

परम्परागत रूप से सिंचाई योजनाओं में प्रत्येक 40 हेक्टेयर चक में जल उपलब्ध करवाया जाता है। जहाँ से किसान अपने खेतों तक जल ले जाने की व्यवस्था करते हैं। इसमें भूमि का समतलीकरण और खेत के अंदर बहाव प्रणाली का निर्माण करना होता है। बिस्टान उद्ववहन सिंचाई प्रणाली की विशेषता यह है कि इसमें प्रत्येक 2.50 (ढाई) हेक्टेयर तक के चक पर एक आउटलेट दिया जायेगा। इस आउटलेट पर कम से कम 20 मीटर उँचाई का प्रेशर मिलेगा। इस स्थिति में किसान बगैर किसी झंझट के बहुत आसानी से फौव्वारा पद्धति (स्प्रिंकलर) अथवा ड्रीप पद्धति से सिंचाई ले सकेंगे। भारत के प्रधानमंत्री ने पर ड्राप मोर क्राप अर्थात पानी का अपव्यय किये बिना न्यूनतम जल से अधिकतम सिंचाई का आव्हान किया है। खरगोन जिले की बिस्टान उद्वहन सिंचाई प्रणाली प्रधानमंत्री के आव्हान का साकार रूप होगी। इस सिंचाई प्रणाली का निर्माण मेसर्स एच.सी.सी.-एल.सी.ई.एस.पी.एल. संयुक्त उपक्रम द्वारा किया जायेगा। निर्माण लागत 374 करोड़ 63 लाख रूपये आंकलित की गई है। सम्पूर्ण प्रणाली को 30 माह की अवधि में पूरा करने का लक्ष्य है।

बिस्टान उद्ववहन सिंचाई योजना से खरगोन जिले की खरगोन, गोगांवा तथा भगवानपुरा तहसील के 92 गाँव की 61 हजार से अधिक ग्रामीण आबादी को कृषि उत्पादन में बढोत्तरी से लाभ मिलेगा। खरगोन तहसील के 8 ग्राम की 1900, गोगांवा तहसील के 47 ग्राम की 11 हजार 300, भगवानपुरा तहसील के 37 ग्राम की 8800 हेक्टेयर कुल मिलाकर 22 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी।

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