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एक कॉल पर किसानों को मिलेंगे खेती-किसानी के आधुनिक यंत्र
किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा है कि कम समय, कम लागत और अधिक उत्पादन के लिये यह जरूरी है कि किसान खेती-किसानी के आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल करें। श्री बिसेन आज राज्य सरकार और महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा एण्ड टैफे के साथ हुए एमओयू कार्यक्रम में बोल रहे थे। एमओयू के जरिये किसानों को एक कॉल पर खेती-किसानी के आधुनिक यंत्र किराये पर उपयोग के लिये मिल सकेंगे।
कृषि मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि आज हर क्षेत्र में आई.टी. का उपयोग बढ़ा है। इसका उद्देश्य कम समय में अधिकतम सुविधाएँ लोगों को उपलब्ध करवाना है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने हर क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को अपनाया है। श्री बिसेन ने कहा कि कृषि क्षेत्र, जो हमारे प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था और प्रगति के लिये जरूरी है, में भी अब नई तकनीक के इस्तेमाल का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि पारम्परिक तरीके से खेती करते हुए किसानों ने प्रदेश को पूरे देश में गौरवान्वित किया है। चार बार कृषि कर्मण अवार्ड मिला है। हम कुल खाद्यान्न उत्पादन में अग्रणी हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने निजी क्षेत्र से तालमेल कर ऐसे यंत्रों को किसानों को उपलब्ध करवाने का फैसला लिया है, जिससे वे कम समय में कम लागत पर अधिकतम उत्पादन ले सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य पूरे देश को दिया है। मध्यप्रदेश ने सबसे पहले इस दिशा में रोड-मेप बनाकर अमल की शुरूआत की है। इस दृष्टि से महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा तथा टैफे कम्पनी के साथ हुआ एमओयू एक बेहतर पहल है।
मंत्री श्री बिसेन ने कहा कि इसके जरिये हम किसानों को एक कॉल पर उन्हें ट्रेक्टर के साथ ही वह सभी उपकरण उपलब्ध करवा सकेंगे, जो उनके खेती-किसानी के लिये जरूरी हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश में यह एक धारणा बन गयी थी कि खेती का लाभ का धंधा नहीं है और युवा इससे दूर हो रहे हैं। पिछले दस साल में किये गये प्रयासों से यह धारणा गलत साबित हो गयी है और अब खेती लाभ की ओर बढ़ रही है। खाद्यान्न के क्षेत्र में वर्ष 2003 के मुकाबले हम ढाई गुना से अधिक उत्पादन कर रहे हैं।
किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन की उपस्थिति में हुए एमओयू के जरिये अब महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा और टैफे कम्पनी प्रदेश में किसानों को ट्रेक्टर के साथ अन्य कृषि उपकरण उपलब्ध करवायेंगे। इसके लिये 3 माह के लिये पॉयलेट प्रोजेक्ट उज्जैन और भोपाल संभाग में लागू किया जायेगा। इसकी सफलता और उपयोगिता को देखते हुए एक अप्रैल-2017 से इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जायेगा। इसके लिये ई-किसान सारथी एप भी बनाया गया है, जिसे डाउनलोड करने पर किसान अपने फोन द्वारा टोल-फ्री नम्बर पर अपनी जरूरत के मुताबिक सेवाएँ प्राप्त कर सकता है। एमओयू पर राज्य सरकार की ओर से संचालक कृषि अभियांत्रिकी श्री राजीव चौधरी एवं महेन्द्रा एण्ड महेन्द्रा की ओर से जनरल मैनेजर आई.टी. श्री प्रकाश सेनानी और टैफे कम्पनी की ओर से सीनियर वाइस प्रेसीडेंट श्री एन. सुब्रमण्यम ने हस्ताक्षर किये।
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