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पेट्रोटेक 2016 के दौरान 11 एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए, तीन स्टार्ट-अप फंड के वेब पोर्टल लांच किए गए
पेट्रोटेक-2016 के दौरान आज अंतिम दिन 11 सहमति पत्रों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल के बीच हुआ कंसोर्टियम समझौता भी इन एमओयू में शामिल है, जिसका उद्देश्य महाराष्ट्र में भारत के पश्चिमी तट के पास 60 एमएमटीपीए की क्षमता वाली भारत की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल परिसर और देश के विभिन्न हिस्सों में पांच 2जी एथनॉल संयंत्रों की स्थापना करना है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी, श्री पीयूष गोयल, श्री अनिल एम. दवे और श्री धर्मेन्द्र प्रधान उपस्थित थे। आज निम्नलिखित समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए:
इनके बीच एमओयू हस्ताक्षरित किए गए | एमओयू का शीर्षक | उद्देश्य |
आईओसीएल, बीपीसीएल और एचपीसीएल | संबंधित पक्षों के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन के जरिए पश्चिमी तट पर रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल परियोजना की स्थापना के लिए परियोजना पूर्व गतिविधियों के संबंध में प्रमुख सदस्य के तौर पर इंडियन ऑयल और एचपीसीएल एवं बीपीसीएल के बीच कंसोर्टियम समझौता | इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल के कंसोर्टियम ने महाराष्ट्र में पश्चिमी तट के पास 60 एमएमटीपीए की क्षमता वाली भारत की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी सह पेट्रोकेमिकल परिसर लगाने का इरादा व्यक्त किया है। संबंधित पक्षों के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन के जरिए पश्चिमी तट पर रिफाइनरी एवं पेट्रोकेमिकल परियोजना की स्थापना के लिए परियोजना पूर्व गतिविधियों के संबंध में प्रमुख सदस्य के तौर पर इंडियन ऑयल और अन्य भागीदारों के रूप में एचपीसीएल एवं बीपीसीएल के बीच कंसोर्टियम समझौता करने का इरादा व्यक्त किया गया है। |
ओआईएल एवं प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेशन केंद्र, आईआईटी गुवाहाटी | ओआईएल की स्टार्ट-अप पहल में मदद के लिए आईआईटी, गुवाहाटी के साथ एमओयू | भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 16 जनवरी, 2016 को ‘स्टार्ट—अप इंडिया’ पहल का शुभारंभ किया गया था। इस पहल का उद्देश्य एक ऐसे परितंत्र के सृजन के जरिए उद्यमिता एवं नवाचार को बढ़ावा देना है, जो स्टार्ट—अप के विकास के लिहाज से अनुकूल है। ओआईएल की पहल के मुताबिक, इस एमओयू के तहत प्रौद्योगिकी इन्क्यूबेशन केंद्र (टीआईसी), आईआईटी गुवाहाटी आवास के संबंध में एक इन्क्यूबेटर की भूमिका निभाएगा और इसके साथ ही स्टार्ट-अप को सलाह देने का काम भी करेगा। |
ओएनजीसी और आईआईटी मुंबई | ओएनजीसी की स्टार्ट—अप पहल में मदद के लिए आईआईटी, मुंबई के साथ एमओयू | ओएनजीसी ने तेल एवं गैस क्षेत्र से संबंधित नए विचारों को बढ़ावा देने एवं उन्हें विकसित करने के उद्देश्य से अपनी हीरक जयंती पर 100 करोड़ रुपये का स्टार्ट—अप कोष बनाया है। ‘ओएनजीसी स्टार्ट—अप’ नामक पहल भारत सरकार की ‘स्टार्ट—अप इंडिया’ पहल के अनुरूप ही है। इस एमओयू का उद्देश्य ओएनजीसी की स्टार्ट—अप पहल के लिए एक खाका तैयार करना है, जो ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित समस्याओं पर काम करेगा और ओएनजीसी की परिचालन क्षमता बढ़ाएगा। |
ओएनजीसी एवं हैलिबर्टन | ओएनजीसी एवं हैलिबर्टन के बीच एमओयू | इस समझौता सार (एसओयू) का उद्देश्य गुजरात स्थित कलोल क्षेत्र के लिए उत्पादन वृद्धि अनुबंध करना है। |
ओएनजीसी और श्लमबर्गर | ओएनजीसी और श्लमबर्गर के बीच एमओयू | इस एसओयू का उद्देश्य असम स्थित गेलेकी क्षेत्र के लिए उत्पादन वृद्धि अनुबंध करना है। इस एमओयू की शर्तें मुख्यत: पूर्वोत्तर भारत के लिए सुझाए गए हाइड्रोकार्बन विजन 2030 के अनुरूप हैं। |
आईओसीएल और मेसर्स प्राज इंडस्ट्रीज लिमिटेड | लिग्नो-सेल्यूलोजिक एथनॉल संयंत्रों के विकास के लिए बाध्यकारी एमओयू (लागत साझेदारी समझौता)
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आईओसीएल गुजरात के दाहेज में 2जी बायोमास से एथनॉल बनाने का संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसकी क्षमता 100 केएल प्रति दिन होगी। इस संयंत्र में प्रति वर्ष लगभग 3.3 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन होने की आशा है, जो राज्य की एथनॉल मिश्रण संबंधी आवश्यकताओं के 23 फीसदी को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इस संयंत्र से आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले 1000 से भी अधिक लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है और इसके साथ ही इससे पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने में भी मदद मिलेगी। |
आईओसीएल और मेसर्स प्राज इंडस्ट्रीज लिमिटेड | लिग्नो-सेल्यूलोजिक एथनॉल संयंत्रों के विकास के लिए बाध्यकारी एमओयू (लागत साझेदारी समझौता)
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आईओसीएल हरियाणा के पानीपत में 2जी बायोमास से एथनॉल बनाने का संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसकी क्षमता 100 केएल प्रति दिन होगी। इस संयंत्र में प्रति वर्ष लगभग 3.20 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन होने की आशा है, जो राज्य की एथनॉल मिश्रण संबंधी आवश्यकताओं के 25 फीसदी को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इस संयंत्र से आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले 1000 से भी अधिक लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की आशा है और इसके साथ ही इससे पर्यावरण को बेहतर करने में भी मदद मिलेगी। |
बीपीसीएल और रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान | मध्य प्रदेश के बीना में 2जी बायोमास एथनॉल जैव-रिफाइनरी लगाने के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु एमओयू | बीपीसीएल मध्य प्रदेश के बीना में 2जी बायोमास एथनॉल जैव-रिफाइनरी की स्थापना कर रही है, जिसकी क्षमता प्रति दिन 400 टन बायोमास को प्रसंस्कृत (प्रति दिन 100 केएल की एथनॉल उत्पादन क्षमता के समतुल्य) करने की होगी। इस संयंत्र में प्रति वर्ष लगभग 3.20 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन होने की आशा है, जो राज्य की एथनॉल मिश्रण संबंधी आवश्यकताओं के 22 फीसदी को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। यह अनुमान लगाया गया है कि यह संयंत्र 1000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार देगा और इस संयंत्र के दिसंबर, 2018 में चालू होने की आशा है।
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बीपीसीएल और मेसर्स प्राज इंडस्ट्रीज लिमिटेड | ओडिशा के बारगढ़ 2जी बायोमास एथनॉल जैव-रिफाइनरी लगाने के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु एमओयू
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बीपीसीएल ओडिशा के बारगढ़ में 2जी बायोमास एथनॉल जैव-रिफाइनरी की स्थापना कर रही है, जिसकी क्षमता प्रति दिन 400 टन बायोमास को प्रसंस्कृत (प्रति दिन 100 केएल की एथनॉल उत्पादन क्षमता के समतुल्य) करने की होगी। इस संयंत्र में प्रति वर्ष लगभग 3.20 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन होने की आशा है, जो राज्य की एथनॉल मिश्रण संबंधी आवश्यकताओं के 45 फीसदी को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इस संयंत्र के दिसंबर, 2018 में चालू होने की आशा है। |
एचपीसीएल और पंजाब सरकार का निवेश संवर्धन विभाग | दूसरी पीढ़ी की एथनॉल जैव-रिफाइनरी लगाने के लिए एमओयू
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एचपीसीएल द्वारा पंजाब के बठिंडा में दूसरी पीढ़ी का एथनॉल संयंत्र लगाया जाना प्रस्तावित है, जिसकी क्षमता प्रति दिन 100 केएल होगी। इसकी आधारशिला रखने के समारोह की तैयारियां चल रही हैं। इस प्रस्तावित संयंत्र में प्रति वर्ष लगभग 1,40,000 टन बायोमास का उपयोग होने की आशा है। इस संयंत्र में प्रति वर्ष लगभग 3.2 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन होने की उम्मीद है, जो राज्य की एथनॉल मिश्रण संबंधी आवश्यकताओं के 26 फीसदी को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। राज्य में बायोमास को जलाने के कारण उपजी पर्यावरणीय चिंताओं को कम करने में भी यह संयंत्र मददगार साबित होगा। |
एचपीसीएल और रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान | दूसरी पीढ़ी की एथनॉल जैव-रिफाइनरी के लिए प्रौद्योगिकी प्रदाता के साथ एमओयू | इस एमओयू का उद्देश्य बठिंडा में प्रस्तावित दूसरी पीढ़ी के एथनॉल संयंत्र के लिए प्रौद्योगिकी संबंधी गठबंधन की संभावनाएं तलाशना है। |
‘स्टार्ट-अप इंडिया’ के तहत ओएनजीसी, ओआईएल और आईओसीएल द्वारा पोर्टल भी लांच किए गए। ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ पहल का शुभारंभ भारत के प्रधानमंत्री ने 16 जनवरी, 2016 को किया था। इस पहल का उद्देश्य एक ऐसे परितंत्र के सृजन के जरिए उद्यमिता एवं नवाचार को बढ़ावा देना है, जो स्टार्ट—अप के विकास के लिहाज से अनुकूल है।
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