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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) के लिए धन की कोई कटौती नहीं
विभिन्न अनुसंधान गतिविधियों के लिए आईसीएमआर द्वारा मांग के अनुसार आईसीएमआर के लिए धन का आवंटन बजटीय प्रावधानों के आधार पर मंजूर किया गया है। पिछले वर्षों के दौरान आवंटन (बीई) इस प्रकार है:-
| (करोड़ रूपये में) | |||
| वर्ष | योजना | गैर-योजना | कुल |
| 2014-15 | 531.00 | 281.67 | 812.67 |
| 2015-16 | 568.17 | 295.00 | 863.17 |
| 2016-17 | 610.00 | 284.00 | 894.00 |
वित्तीय वर्ष 2014-15 की तुलना में पिछले वित्तीय वर्ष में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (आईसीएमआर) को धन के आवंटन में कोई कमी नहीं की गई है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में कुल 893.74 करोड़ रूपये आवंटित किए गये जो पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में आवंटित 863.17 करोड़ रूपये की तुलना में ज्यादा है।
वैसे इस ओर वित्त मंत्रालय का भी ध्यान आकृष्ट कराया गया और मंत्रालय ने आईसीएमआर को वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए महत्वपूर्ण अनुसंधान योजनाओं के लिए 200 करोड़ रूपये की अतिरिक्त सहायता देने पर सहमत हो गई है।
सरकार ने आईसीएमआर को और अधिक उपयोगी बनाने, कार्यों पर विशेष ध्यान देने, अनुसंधान कार्यक्रमों का विस्तार से मूल्यांकन करने, उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक उपयोग करने और इसे आगे बढ़ाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज यहां लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह कहा है।




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