भारतीय रसायन उद्योग की वृद्धि की असीम संभावनाएं

केन्‍द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने जोर दे कर कहा है कि सरकार के उठाए कदमों और अंतिम उपयोग उद्योग के रूप में वृद्धि के कारण भारतीय रसायन उद्योग के प्रति वर्ष 9 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्‍मीद है। इस दर से बढ़कर यह 226 अरब अमेरिकी डॉलर का सेक्‍टर बन जाएगा।

इस समय यह उद्योग 147 अरब अमेरिकी डॉलर का है।  मुंबई में आज इंडियाकेम इंटरनेशनल एग्‍जीबिशन एंड कॉन्‍फ्रेंस के द्विवार्षिक नौवें संस्‍करण के उद्घाटन के अवसर पर उन्‍होंने कहा कि और अधिक व्‍यावहारिक तथा उपयोगी बनाने के लिए मौजूदा पीसीपीआर (पेट्रोलियम, रयायन एवं पेट्रोकेमिकल निवेश क्षेत्र)  नीति को और सामंजस्‍यपूर्ण बनाने की जरूरत है। उन्‍होंने इस सम्‍मेलन में आए उद्योग के नेताओं से आग्रह किया कि इस नीति को और अधिक जीवंत बनाने के लिए एक महीने के भीतर अपना सुझाव दें।

श्री कुमार ने कहा कि हमारी लंबी तटीय लाइन, रिफाइनिंग और संतोषजनक अनुसंधान और विकास की क्षमता हमारे रसायन उद्योग के विकास की शक्ति हैं लेकिन उन्‍होंने महसूस  किया  कि आसान व्‍यापार करने की दिशा में और अधिक सुधार की जरूरत है। उन्‍होंने कहा घरेलू व्‍यापार के लिए कि कच्‍चे माल की लागत और उपलब्‍धता की चुनौतियों के कारण चीन और दक्षिणी पूर्वी एशिया के देशों से आयात अधिक हो रहा है।

 रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने जोर देकर कहा कि मेक इंन इंडिया अभियान भारतीय रसायन उद्योग के लिए विभिन्‍न पेट्रोकेमिकल्‍स उत्‍पादों के आयात प्रतिस्‍थापन्‍न के अवसर प्रदान करने का मुख्‍य अभियान है। उन्‍होंने आगे कहा कि जीएसटी के क्रियान्‍वयन से उद्योगों की लगात कम हो जाएगी जिससे भारतीय उत्‍पाद कीमतों के हिसाब से प्रतियोगी बन जाएंगे।

मंत्री महोदय ने गौर किया कि भारतीय रसायन उद्योग में इस समय 20 लाख लोग काम कर रहे हैं। इस उद्योग को अभी 8.5 लाख और कुशल कारीगरों की जरूरत हैं। उन्‍होंने  अफसोस जताया कि कौशल प्रशिक्षण की बुनियादी ढांचे  की कमी के कारण अधिकांश प्रशिक्षण कार्यस्‍थलों पर ही दिया जा रहा है।

श्री कुमार ने कौशल विकास के बारे में बताया कि सरकार वैसे स्‍थलों में जहां रसायन उद्योग मौजूद हैं, केन्‍द्रीय रसायन इंजीनियर एवं प्रौद्यौगिकी संस्‍थान(सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्‍नोलॉजी) स्‍थापित करने की योजना बना रही है। उन्‍होंने घोषणा की कि इस तरह का पहला संस्‍थान मुंबई में स्‍थापित होगा।

इस मौके पर श्री कुमार ने पीसीपीआईआर का लोगो और वेबसाइट का भी शुभारंभ किया।

इस मौके पर रयायन एवं पेट्रोकेमिकल राज्‍यमंत्री श्री मनसूखभाई मंडाविया, रसायन एवं पेट्रोकेमिकल सचिव श्री अनुज कुमार बिश्‍नोई, बांग्‍लादेश के उद्योग मंत्री श्री अमिर हुसैन अमु तथा रयायन उद्योग के उद्योगपति मौजूद थे।

  रयायन एवं पेट्रोकेमिकल विभाग  और एफआईसीसीआई के संयुक्‍त रूप से आयोजित इंडियाकेम भारत का इस तरह का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। इस साल ईरान भागीदार देश है और गुजरात, आंध्र प्रदेश और ओडिशा भागीदार राज्‍य। इसके अलावा चीन,जापान ,दक्षिण कोरिया, ताईवान, सिंगापुर, वियतनाम, टर्की, अमेरिका के संस्‍थान और कारपोरेट इंडियाकेम में भाग ले रहे हैं। 

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