भारतीय उद्योग जगत में पहली बार दो विनियामकों का विलय हो गया है। साठ वर्ष पहले गठित वायदा बाजार आयोग और पूंजी नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड–सेबी ने आज एकीकृत नियामक संगठन का रूप ले लिया। मुम्बई में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने
शेयर बाजार का पारम्परिक घंटा बजाकर इसे औपचारिक रूप दिया। इस वर्ष के बजट में वित्त मंत्री ने इस विलय की घोषणा की थी। श्री जेटली ने कहा कि सेबी और वायदा बाजार आयोग के विलय से यह संकेत मिलता है कि हमारे बाजार कितने विकसित हो गये हैं। उन्होंने कहा कि देश अब छह से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर से संतुष्ट नहीं है।
भारत की आंकांक्षाए आज और बढ़ती जा रही है। अब कि वह छह से आठ प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि से संतुष्ट नहीं होता। इसलिए जब विश्व में मंदी का दौर है, तब भी भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है। अब लोग हमें आशा की किरण बताने लगे है। फिर भी हम पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। इसलिए हमें निरंतर बदलाव करते रहने होंगे ताकि हम विकसित होते रहें और व्यवस्था में सुधार होता रहे।श्री जेटली ने कहा कि इस विलय से बाजारों का न सिर्फ दायरा बढ़ेगा बल्कि अवसर भी बढेंगे।
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