मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का मंगलवार से आखिरी सत्र शुरू होने जा रहा है जिसमें आंधी में महाकाल लोक के सप्त ऋषियों की प्रतिमाओं के गिरने, सतपुड़ा भवन की आग में जले सरकारी रिकॉर्ड और सीधी में आदिवासी को पेशाब पिलाए जाने की गूंज सुनाई देगी। कांग्रेस ने आखिरी सत्र के लिए रणनीति तैयार कर ली है और कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर आक्रामक तरीके से सरकार को घेरने पर चर्चा की है। पढ़िये रिपोर्ट।
मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का कार्यकाल इस साल पूरा हो जाएगा और उसके आखिरी सत्र की कल से शुरुआत होने जा रही है। हालांकि यह सत्र पहले 10 जुलाई से शुरू होना था लेकिन इसे एक दिन आगे बढ़ा दिया गया। अब यह पांच दिन का ही होगा लेकिन 14 जुलाई की जगह सत्र शनिवार 15 जुलाई तक चलेगा। इसके लिए विधायकों ने 841 तारांकित-अतारांकित प्रश्न विधानसभा सचिवालय में दिए हैं। साथ ही विधायकों ने पांच दिन के सत्र में 185 ध्यानाकर्षण सूचनाएं देकर अपने क्षेत्र के मुद्दों को उठाने की कोशिश की है। 22 स्थगन प्रस्ताव की सूचनाएं, 17 अशासकीय संकल्प व 23 शून्यकाल की सूचनाएं देकर विधायकों ने ज्यादा से ज्यादा मुद्दों को सदन में रखने की पहल की है। इस बार सरकार की तरफ से तीन विधेयक पेश किए जाएंगे।
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